गीतांजलि पोस्ट/विनय शर्मा
सांभर लेक:- आपने देश भर में गणेश जी के कई मंदिरों को देखा होगा, जिनमें सूंड रूपी गणेश जी विराजमान होंगे, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि भगवान गणेश की पूजा बिना सूढ़ के मूर्ति के रूप में होती हैं। तो चलिए मैं आज आपको बिना सूढ़ वाले गणेश जी का मूर्ति के बारे में बताता हूं।
दोस्तों राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक ऐसा भी मूर्ति है, जहां पर गणेश जी की पूजा बिना सूढ़ यानी कि बाल रूप में होती है। आप भी जानते होंगे की जन्म के दौरान गणेश जी के सूढ़ नहीं थे। राजस्थान की अरावली पर्वत पर यह मंदिर जयपुर के में स्थित है।
गढ़ गणेश मंदिर कहां स्थित है ?
गणेश जी का यह मंदिर राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर से महज 7 किमी. दूर अरावली पहाड़ी पर स्थित है, जो जयपुर के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है।
गढ़ गणेश मंदिर की स्थापना किसने करवाया था ?
इस मंदिर की स्थापना सवाई जयसिंह द्वितीय ने करवाई थी। जयपुर में अश्वमेध यज्ञ कराने के बाद इस मंदिर का निर्माण तांत्रिक विधि से करावाया गया था। गढ़ गणेश मंदिर में गणेश जी के मूर्ति की स्थापना इस प्रकार से की गई है, जो चंद्र महल, जिसमें पूर्व राजपरिवार निवास करता था, के सबसे ऊपरी मंजिल से देखने पर गणेश जी के मूर्ति के दर्शन हो सके। चंद्र महल सिटी पैलेस का एक हिस्सा है, जहां से पुराने राजा महाराजा दूरबीन लगाकर सुबह-शाम गणेश जी के मूर्ति का दर्शन करते थे।
गणेश जी हिंदू धर्म के एक ऐसे देवता हैं, जिनका शादी में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। किसी भी शादी का कार्ड सबसे पहले गणेश जी के चरणों में ही चढ़ाया जाता है, क्योंकि मांगलिक कार्यों में गणेश जी की कृपा अति आवश्यक मानी जाती है। गणेश जी की पूजा करने से घर में आया संकट भी दूर हो जाते हैं।
गढ़ गणेश के इस मंदिर में प्रसाद चढ़ाते समय मंत्रों का उच्चारण करना उचित माना जाता है। गणेश चतुर्थी के दूसरे दिन गणेश जी के इस मंदिर में भव्य मेला का आयोजन होता है, जिसमें लाखों लोग शामिल होते हैं। आप लोग जानते ही होंगे कि जैसे सोमवार का दिन भगवान शिव का और मंगलवार का दिन हनुमान जी का दिन है। वैसे ही गणेश जी का दिन बुधवार को माना जाता है, जिसकी वजह से इस मंदिर में बुधवार के दिन काफी लोग इकट्ठे होते हैं।
गढ़ गणेश मंदिर के अंदर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी रिकॉर्ड करने की अनुमति नहीं दी जाती है।
गढ़ गणेश मंदिर कैसे जाएं ?
गढ़ गणेश मंदिर ब्रह्मपुरी जयपुर के बाहरी क्षेत्र में गटर सड़क मार्ग पर स्थित है। गढ़ गणेश मंदिर जाने के लिए आपको गैटोर की छतरियां जन होगा। गैटोर की छतरियां से गढ़ गणेश मंदिर तक जाने के लिए सड़क मार्ग की सुविधा ना होने की वजह से मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 365 सीढियां चढ़नी पड़ती है, जो काफी थका देने वाली होती है।
नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर में है, जो गढ़ गणेश मंदिर से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां आने के लिए दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों से फ्लाइट की सुविधा उपलब्ध है। जयपुर हवाई अड्डे से गैटोर की छतरियां जाने के लिए टैक्सी की सुविधा उपलब्ध होती है।
नजदीकी रेलवे स्टेशन जयपुर में है, जो गढ़ गणेश मंदिर से करीब 7.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जयपुर का रेलवे ट्रैक दिल्ली जैसे बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है, जहां पर आसानी से पहुंचा जा सकता हैं। जयपुर रेलवे स्टेशन से आप टैक्सी द्वारा गैटोर की छतरियां तक पहुंच सकते हैं।
नजदीकी बस स्टैंड ब्रह्मपुरी बस स्टैंड है, जो गैटोर की छतरियां से मात्र 800 मीटर की दूरी पर स्थित है। ब्रह्मपुरी बस स्टैंड से आप पैदल गैटोर की छतरियां पहुंच सकते हैं और वहां से गढ़ गणेश मंदिर की चढ़ाई शुरू कर सकते हैं।