गीतांजलि पोस्ट/विनय शर्मा
सांभर लेक:- जयपुर जिला देहात कांग्रेस के प्रमुख नेता कैलाश शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से निवेदन किया है कि मार्च माह के दौरान जो 19 नये जिले घोषित किए गए थे, उनमें जयपुर शहर और जोधपुर के 2-2 जिले बनाने का फैसला अब कार्यान्वित नहीं हो रहा। उसी तरह दूदू को जिला बनाए जाने का जो फैसला लिया गया है उस पर पुनर्विचार हो और दूदू के स्थान पर सांभर को जिला बनाया जाए।
कैलाश शर्मा ने स्पष्ट कहा कि दूदू को जिला बनाने से जहाँ कांग्रेस को राजनीतिक नुकसान हो रहा है, वहीं राजस्थान सरकार को प्रशासनिक नुकसान भी हो सकता है। कांग्रेस व राज्य हित में यह फैसला बदला जाना अति आवश्यक हो गया है। इसके साथ ही कैलाश शर्मा ने कहा है कि प्रस्तावित दूदू जिले में चाकसू, मालपुरा, फुलेरा, बगरू विधानसभा क्षेत्र के तमाम उपखंड व तहसील क्षेत्रों तथा किशनगढ़ व झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के कुछ उपखंड व तहसीलों को शामिल किए जाने की प्रक्रिया गतिशील है। इन सभी विधानसभा क्षेत्रों में इस फैसले को लेकर बड़ा जन आक्रोश है। सभी संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के माननीय विधायक भी इस बारे में विरोध दर्ज करवा चुके हैं। फिर भी सरकार दूदू को ही जिला बनाने के फैसले पर कायम रहती है, तो कांग्रेस को तमाम विधानसभा क्षेत्रों में पराजय का सामना करना पड़ सकता है। अतः कांग्रेस को राजनीतिक लाभ सुनिश्चित हो इसके लिए जरूरी है कि दूदू को जिला नहीं बनाया जाए। इस बारे में जितनी प्रशासनिक कार्रवाई गतिशील हुई है उसे वापस लिया जाए।
कैलाश शर्मा ने यह भी बताया कि दूदू को जिला बनाने का फैसला प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी उचित नहीं था, बल्कि राजकोष पर अनावश्यक दबाव सरीखी स्थिति है। दूदू की तुलना में सांभर जिला बनने के लिए पूरी तरह डिजर्व करता है। अतः सांभर के साथ न्याय किया जाए। सांभर सपालदक्ष राज्य की राजधानी थी। इसका उल्लेख ब्रिटिश कालीन गजेटियर्स व इतिहास की अनेक प्रमाणिक पुस्तकों में किया गया है। इसी तरह इंपीरियल गजेटियर्स आफ राजपूताना (1908 मे प्रकाशित) के अनुसार सांभर जयपुर और जोधपुर दोनों स्टेट के लिए जिला मुख्यालय था लेकिन यह स्टेटस आजादी के बाद समाप्त कर दिया गया। हालांकि राजस्थान के गठन की प्रक्रिया प्रारंभ होने के साथ ही सांभर को जिला बनाने की मांग प्रारंभ हो गई थी, जो अब तक जारी है। इस प्रसंग में सांभर के साथ वास्तव मे अन्याय हुआ है। अब वक्त आ गया है कि न्याय किया जाए। उल्लेखनीय तथ्य यह है कि आजादी के बाद 55 साल से अधिक समय तक दूदू का अस्तित्व सांभर उपखंड की एक ग्राम पंचायत व तहसील मात्र का था। फागी तहसील भी सांभर उपखंड क्षेत्र के दायरे में आती थी।