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दिल्ली ……माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 22 अगस्त 2025 के आदेश तथा पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, 2023 की पालना करवाने के संबंध एवं विश्व पशु दिवस के उपलक्ष्य में देश भर में वृहद आयोजन करवाए जाने के लिए बैद ने लिखा पत्र

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 22 अगस्त 2025 के आदेश तथा पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, 2023 के अक्षरशः अनुपालन हेतु देश के समस्त राज्यों के अंतर्गत सभी नगर निगमों, नगर परिषदों, नगर पालिकाओं एवं ग्राम पंचायतों को निम्नलिखित बिंदुओं पर तुरंत,गंभीरता एवं प्राथमिकता के साथ कार्यवाही करने हेतु निर्देश प्रदान करवाए जाने का आग्रह भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड मत्स्य पालन पशु पालन डेयरी मंत्रालय भारत सरकार के मानद प्रतिनिधि श्रेयांस बैद ने भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एवं आयुक्त पशुपालन मंत्रालय भारत सरकार से की है बैद ने बोर्ड को लिखे पत्र में बताया कि

भोजन स्थलों का निर्धारण (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 20 एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश)

    प्रत्येक सडक, क्षेत्र एवं वार्ड में वहाँ की श्वानों की संख्या और उनके क्षेत्राधिकार (territories) के अनुसार भोजन स्थल निर्धारित किए जाएँ।

    इन स्थलों की पहचान एवं निर्धारण स्थानीय फीडरों (feeders) की सलाह एवं जानकारी के आधार पर किया जाए। जिन्हें वहाँ रहने वाले श्वानों के स्वभाव का अंदाजा हो।

    प्रत्येक भोजन स्थल पर एक बोर्ड लगाकर उसे स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जाए।

    यह प्रक्रिया प्रत्येक नगर निकाय क्षेत्र में, जहाँ सामुदायिक श्वान पाए जाते हैं, अनिवार्य रूप से की जाए।

    1. नसबंदी केन्द्रों की स्थापना एवं रखरखाव (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 10; माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश 22.08.2025)

    नगर निकाय नसबंदी केन्द्रों की पहचान, निर्माण एवं/या मरम्मत करें।

    इन केन्द्रों में नसबंदी, टीकाकरण एवं कृमिनाशन (Deworming) की सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ।

    1. मानवीय ढंग से श्वानों को पकड़ना (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 11(5))

    श्वान पकड़ने के लिए केवल प्रशिक्षित कार्मिक नियुक्त किए जाएँ।

    श्वान पकड़ने की एकमात्र स्वीकृत विधि जाल (net) या हाथ से पकड़ना है।

    टोंग्स, तार, फंदे अथवा किसी अन्य हानिकारक उपकरण का प्रयोग सख्ती से प्रतिबंधित है।

    1. निविदा प्रक्रिया (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 5)

    पशु जन्म नियंत्रण (ABC) कार्यक्रम हेतु निविदा केवल उन्हीं NGOs को दी जाए जिनके पास भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) की मान्यता हो।

    AWBI पत्र दिनांक 05.04.2022 के अनुसार प्रति श्वान पकड़ने हेतु रू. 200 एवं नसबंदी, भोजन एवं ऑपरेशन पश्चात् देखभाल हेतु रू. 1450 निर्धारित है।

    अन्य राज्यों में ब्लैकलिस्ट किए गए NGOs को निविदा में भाग लेने से वंचित रखा जाए।

    1. निगरानी समितियाँ (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 9 और अनुसूची 11 (3)

    प्रत्येक नगर निकाय में निगरानी समिति का गठन किया जाए।

    समितियों की नियमित बैठकें हों एवं नसबंदी, टीकाकरण और रिहाई कार्यक्रमों की समीक्षा की जाए।

    कम-से-कम एक पशु अधिकार कार्यकर्ता /मानद जीव जंतु कल्याण प्रतिनिधि को समिति में शामिल किया जाना चाहिए ताकि जमीनी वास्तविकताओं का आकलन हो सके।

    1. उल्लंघनों हेतु जवाबदेही (पशु जन्म नियंत्रण) (ABC) नियम 2023 के किसी भी उल्लंघन पर नियम 18 के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
    2. संदिग्ध रेबीज अथवा काटने वाले श्वानों का प्रबंधन (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 16)
    3. श्वान पकड़ने वाली टीम की संरचना (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 11(2))

    प्रत्येक टीम में निम्न सदस्य होंगेः

    1. वैन चालक,
    2. नगर निकाय के दो या अधिक प्रशिक्षित कर्मचारी,
    3. पशु कल्याण संगठन का एक नामित प्रतिनिधि ।
    4. प्रत्येक सदस्य के पास स्थानीय निकाय द्वारा जारी पहचान पत्र होना अनिवार्य हों।
    5. स्थानीय निवासियों को पूर्व सूचना दी जाए कि उनकी क्षेत्र में श्वानों की नसबंदी कार्यक्रम हेतु टीम कार्य करेगी।
      . उल्लंघनों हेतु जवाबदेही (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम से)

    किसी भी रेबीज-संदिग्ध श्वान को मानवीय ढंग से पकड़कर सुरक्षित पृथककरण (isolation) केनल में तत्काल पशु चिकित्सक की निगरानी में रखा जाए एवं उसकी प्राकृतिक मृत्यु होने तक भोजन तथा पानी की समुचित व्यवस्था की जाये।

    रिपोर्ट किए गए डॉग-बाइट मामलों में तथ्यों का सत्यापन अनिवार्य है। केवल बार-बार काटने वाले संदिग्ध श्वान को ही पकड़ा जाए एवं शरणस्थल (shelter) या पंजीकृत पशु कल्याण संगठन (AWO) को सौंपा जाए।

    पशु चिकित्सीय आकलन में यदि श्वान आक्रामक या रेबीज-संदिग्ध नहीं पाया जाता तो पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियमानुसार उसे मूल स्थान पर वापस छोड़ा जाए।

    यदि श्वान आक्रामक या रेबीज-संदिग्ध पाया जाता है तो उसे समुदाय में वापस नहीं छोड़ा जाए।

    1. अभिलेख व रिहाई (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 12)

    सभी श्वानों को चिन्हित किया जाए एवं रजिस्टर में इन्द्राज किया जाये।

    श्वानों को उसी क्षेत्र में छोड़ा जाए जहाँ से उन्हें पकड़ा गया था।

    एबीसी नियमों के अनुसार, दस अलग-अलग प्रकार के रिकॉर्ड बनाए जाने चाहिए, जिनमें जानवरों का रिकॉर्ड, भोजन का रिकॉर्ड, खाद्य सूची, प्रत्येक श्वान के उपचार का रिकॉर्ड, दवा और टीकाकरण का रिकॉर्ड, मृत्यु दर का रिकॉर्ड, सर्जिकल उपकरणों सहित उपकरणों की सूची, डॉग वैन लॉगबुक, कर्मचारियों की उपस्थिति का रिकॉर्ड, तीस दिनों का सीसीटीवी फुटेज शामिल है।

    1. बीमार एवं घायल श्वान (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 11 (10))

    बीमार एवं घायल श्वानों का समुचित उपचार किया जाए।

    पूर्ण स्वस्थ होने के बाद ही उनकी नसबंदी की जाए।

    1. पकड़ने पर प्रतिबंध (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 11(9))

    छः माह से कम आयु के श्वानों को पकड़ा या नसबंदी नहीं किया जाए ।

    छोटे पिल्लों वाली मादा श्वानों को तब तक नहीं पकड़ा जाए जब तक पिल्ले प्राकृतिक रूप से स्वतः ही दूध पीना नहीं छोड़ देते।

    1. नसबंदी, टीकाकरण एवं रिहाई (माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम 2023)

    श्वानों की नसबंदी, टीकाकरण एवं कृमिनाशन कर उन्हें उनके मूल क्षेत्र में छोड़ा जाए।

    फीडरों को इस प्रक्रिया में सूचित एवं सम्मिलित किया जाए।

    सभी कार्यवाहियों की कार्यवाही इंद्राज की जाने की कार्यवाही भी आवश्यक रूप से हों इसके लिए भी निर्देश प्रदान करवाए जाएं एवं विश्व पशु कल्याण दिवस पर वृहद जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करवाने का भी आग्रह किया है।

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