मंदिर प्रशासन की मनमानी के चलते भक्त हुए अपने आराध्य देव से दूर

जयपुर, 30 जून, जयपुर के आराध्य देव गोविन्द देव जी मंदिर का प्रशासन अपनी मनमानी कर रहा हैं जिसके कारण भक्त परेशान हो रहे हैं.

राजस्थान ब्राह्मण महासभा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुनील शर्मा एडवोकेट ने बताया कि गोविंद देव जी मंदिर प्रशासन द्वारा जयपुर के राजा और जन जन के आराध्य देव श्री गोविंद देव जी से उनके भक्तों की दूरी बढ़ाकर भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं एकादशी जैसे खास मौके और रविवार की छुट्टी के दिन जयपुर शहर ही नहीं आसपास के लोग भी गोविंद देव जी के दर्शन करने आते हैं.

प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुनील शर्मा ने एडवोकेट ने बताया कि प्रशासन और मंदिर प्रबंधन कमेटी ने वी आई पी लोगों को सुविधा देने के उद्देश्य से गोविंद भक्तों को उनके चरणों से दूर कर दिया 25 फिट दूर से 40 सेकंड दर्शन करवाना भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ है पप्रशासन इस फैसले को वापस लेकर अन्य कोई विकल्प तलाशे अन्यथा जयपुर के लाखों निराश भक्त अपने ठाकुर के चरण दर्शन के लिए सड़कों पर उतरेंगे । प्रशासन से मांग करते हैं कि पूर्ण व्यवस्था दुरुस्त की जाए जिससे गोविंद के भक्त उनके दर्शन कर सकें अन्यथा सभी गोविंद देव भक्त गोविंद देव मंदिर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे और अपनी भावनाओं को राजस्थान सरकार एवं पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन के सामने रखेंगे.

जयपुर के लोगों की गोविंद देव जी में अपार आस्था है एकादशी और रविवार को लोग अपने राजा से अपने मन की बात कहने आते हैं लेकिन वी आई पी लोगों को सुविधा देने के उद्देश्य से उन आम भक्तों को गोविंद देव जी के चरणों से अलग कर दिया 25 फिट की दूरी से बुजुर्ग और चश्मे वाले लोगों का तो दर्शन करना ही नामुमकिन कर दिया है पहले लोग सुबह शाम और विशेषकर एकादशी के दिन माताएं बहनें प्रांगण में बैठकर भजन कीर्तन करती थीं जिसको अब गोविंद देव जी मंदिर प्रशासन द्वारा बिना सोचे समझे आम जनता की भावनाओं को जाने बिना ही बंद करने का निर्णय लिया है जिससे इसकी सैकड़ो वर्षों से चल रही भगवान और भक्तों की आस्था को समाप्त कर दिया , भगवान के प्रांगण में लोगों को बैठकर जो शांति का अनुभव होता था उसको भी भंग कर अब मंदिर प्रांगण में किसी का बैठना भी मना है , हम मंदिर प्रशासन से निवेदन करते हैं आम जन की भावनाओं को देखते हुए अन्य कोई विकल्प तलाशें इस तरह भक्तों कोअपने भगवान से दूर न करें!

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *