HomeUncategorizedमौसमी बीमारियों का असर: सरकारी व निजी चिकित्सालयों में बढ़े

मौसमी बीमारियों का असर: सरकारी व निजी चिकित्सालयों में बढ़े

रोगी बच्चों में लाल दाने और गले व मुंह में छाले चिकित्सक बोले: घबराए नहीं, ध्यान रखे, उपचार लें

मनोहरपुर (कृष्ण कुमार वर्मा):- मानसून में उमस और नमी बढ़ने के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में मौसमी बीमारियों का प्रकोप तेज हो गया है। बुखार, खांसी-जुकाम और दस्त जैसी सामान्य बीमारियों के साथ अब बच्चों में ‘कॉक्ससैकी वायरस’ तेजी से फैल रहा है। इस वायरस से पीड़ित 12 वर्ष तक के बच्चों में लाल दाने और मुंह-गले में छाले हो रहे हैं। एक सप्ताह में सीएचसी और निजी चिकित्सालयों में ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सीएचसी सहित निजी अस्पतालों में वायरस की चपेट में आने वाले बच्चों की ओपीडी बढ़ रही है। सीएचसी की बात की जाए तो एक सप्ताह में 20 से अधिक बच्चे उपचार के लिए पहुंचे हैं। चिकित्सकों ने बताया कि वायरस की चपेट में आने वाले बच्चों के पहले एक या दो दिन में बुखार आता है, फिर मुंह में छाले हो रहे हैं। ओपीडी में हर दिन दस-बीस बच्चे उपचार के लिए लाए जा रहे हैं। इसके अलावा अस्पतालों में अन्य मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की भी कतार लग रही है। पर्ची काउंटर से लेकर दवा और जांच काउंटर तक मरीजों की लंबी कतार देखने को मिल रही है। सीएचसी में करीब 700 तक ओपीडी पहुंच रही है।क्या है वायरसजब भी कोई बच्चा कॉक्ससैकी वायरस की चपेट में आता है। सबसे पहले उसे बुखार आता है। इसी के साथ ही उसकी भूख कम हो जाती है। इलाज शुरू नहीं हुआ तो पेट, पीठ, कमर के नीचे पीछे और मुंह के अंदर लाल दाने आने लगते हैं। पीड़ित बच्चे के संपर्क में आने एवं श्वसन क्रिया से भी वायरस फैलता है। इसके लिए पीड़ित बच्चों को अलग कर उनके मास्क लगवाएं।पिछले सप्ताह से ज्यादा मामले इस मौसम में पिछले सप्ताह से इस वायरस का प्रकोप बढ़ा है। चिकित्सक दिलीप नारोलिया ने बताया कि बुखार से पीड़ित कई बच्चों के ठीक होने के बाद मुंह में दर्दनाक छालों की समस्या हो रही है। जिससे छालों पर लगाने वाली जेल, माउथवॉश और विटामिन की गोलियों की बिक्री में 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी देखी जा रही है।खाना-पीना हो रहा कमचिकित्सकों ने बताया कि वायरस से बच्चों के मुंह में छाले होने से दर्द होने लगता है और खाना पीना कम कर देते हैं। हल्की गर्म और तीखे खाद्य पदार्थ से दर्द महसूस होने लगता है। खाना-पीना कम करने से पीड़ित बच्चों में कमजोरी भी आती है। हालांकि सामान्य तौर पर बच्चे एक सप्ताह में ठीक हो रहे है।

घबराएं नहीं, उपचार से ठीक हो रहे वायरस की चपेट में आने पर परिजनों को घबराने की जरूरत नहीं है। बच्चा एक सप्ताह में पूरी तरह ठीक हो जाता हैं। यह समस्या खासकर 3 से 12 वर्ष आयु के बच्चों में होती है। बच्चों को ठंडक देने वाले, हल्के और मुलायम आहार नारियल पानी, तरबूज आदि देने चाहिए। मसालेदार और गरम चीजों से परहेज कराएं।

डॉ. देवेन्द्र कुमार शर्मा, बाल रोग विशेषज्ञ, सीएचसी मनोहरपुर

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