गीतांजलि पोस्ट/श्रेयांस बैद
लूणकरणसर:- गौरैया को संरक्षित एवं सम्मानित करने के लिए 20 मार्च को वर्ल्ड स्पैरो डे निर्धारित किया गया है ताकि गौरैया के साथ-साथ अन्य सामान्य पक्षियों की सुरक्षा की आवश्यकता के बारे में आम लोगों में जागरूकता बढ़ाई जा सके, ये कहना है भारत सरकार के भारतीय जीव कल्याण मानद प्रतिनिधि श्रेयांस बैद का। वे आज गोरैया आज संरक्षण के लिए जम्भेश्वर मन्दिर में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। बैद ने कहा इसके माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों की सुंदरता को बचाया जा सकता है। दुनिया भर के कई देशों में गौरैया को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। लोग घरेलू गौरैया के संरक्षण का प्रयास कर रहे हैं एवं विश्व गौरैया दिवस के उपलक्ष्य में विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं ।
जीव प्रेमी ओम ज्याणी ने कहा कि इनकी संख्या में निरन्तर कमी आ रही है। इस विलुप्त होती प्रजाति को बचाये जाने का प्रयास किया जा सकता है। उन्होंने कहा सघन व्रक्षरोपण, घरों में घोंसले, गर्मी में पानी मे जल व अनाज से भरे शिकोरे रखे जाए, जिससे इन्हें पर्याप्त भोजन मिल सके। चाइनीज मांझे के उपयोग के चपेट में आने ऐसे जीवों में निरंतर गिरावट आ रही है इसलिए ऐसे मांझे के उपयोग को न करे। इस दौरान वन्य जीव प्रेमियों ने भी अपने विचार रखे। इस दौरान सुदेश बिश्नोई , सीताराम , प्रदीप सारण, सुमन ,गायत्री इत्यादि ने भी घरेलू चिड़िया गौरेया को बचाने की अपील की।