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  • सब इंस्पेक्टर ने जेल के अंदर स्थित हॉस्पिटल में दिया बच्ची को जन्म

    सब इंस्पेक्टर ने जेल के अंदर स्थित हॉस्पिटल में दिया बच्ची को जन्म

    जयपुर: SI पेपर लीक में फंसी सब-इंस्पेक्टर मोनिका जाट ने जेल में दिया बच्ची को जन्म, नहीं मिली कोर्ट से जमानत
    25 अगस्त रविवार 2025

    जयपुर: राजस्थान में सबसे चर्चित पेपर लीक मामले में 2021 है, जिसमें कथित रूप से सैकड़ों उम्मीदवार परीक्षा के पेपर को खरीद-फरोख्त कर सफलता हासिल की है. SOG की जांच में अब तक सैकड़ों ऐसे उम्मीदवार सामने आए हैं, जिसमें कुछ तो जमानत पर जेल से बाहर हैं, जबकि कुछ ऐसे उम्मीदवार हैं जो अब भी जेल की कैद में हैं. वहीं एक मामला अब सामने आया है जो काफी हैरान कर देने वाला है. पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हुई SI मोनिका जाट जेल में है और उसने अब एक बच्ची को जन्म दिया है. बताया जा रहा है कि इस दौरान उसे जमानत भी नहीं मिल पाई.

    जेल के अंदर स्थित हॉस्पिटल में दिया बच्ची को जन्म:

    सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा मामले में गिरफ़्तार फर्जी एसआई मोनिका जाट ने बच्ची को जन्म दिया है, जयपुर के महिला चिकित्सालय में चार अगस्त को मोनिका की डिलीवरी हुई है. उसने बच्ची को जन्म दिया है. हालाँकि इस दौरान उसे कोर्ट से ज़मानत नहीं मिल सकी. जेल के अंदर ही हॉस्पिटल है. वहीं पर उसकी और बच्ची की देख रेख हो रही है. जेल के अंदर ही मोनिका का प्रॉपर इलाज चल रहा है. बता दें, एसआई भर्ती 2021 में नकल और पेपर लीक के मामले की जांच कर रही राजस्थान पुलिस की एसओजी ने झुंझुनूं पुलिस लाइन में तैनात मोनिका जाट को गिरफ्तार किया था.

    मोनिका जाट ने किया था 15 लाख का सौदा:

    मोनिका ने एसआई भर्ती परीक्षा में 34वीं रैंक हासिल की थी. उसने हिंदी विषय में 200 में से 184 अंक तथा सामान्य ज्ञान विषय में 200 में से 161 अंक प्राप्त किए. वहीं, जब वह इंटरव्यू में बैठी तो उसे केवल 15 नबंर ही मिले, जिससे वह सवालों के घेरे में आ गई. एसओजी ने जब दोबारा रिटर्न टेस्ट लिया तो वह ठीक से हिंदी में एप्लिकेशन तक नहीं लिख सकी, मोनिका ने ब्लूटूथ से नकल कर नकली सब इंस्पेक्टर बनी थी. मोनिका ने नकल गिरोह के सरगना पौरव कालेर से 15 लाख रुपए में परीक्षा से पहले पेपर पढ़ाने का सौदा कर एग्जाम पास किया था.

  • गणेश चतुर्थी पर होंगे विविध आयोजन

    लूणकरणसर श्रेयांस बैद
    श्री गणेश मंदिर उत्सव समिति द्वारा श्री गणेश चतुर्थी पर होंगे विविध आयोजन

    श्री गणेश मंदिर उत्सव समिति द्वारा गणेश चतुर्थी पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे संचालन समिति द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जारी सूची में 26 अगस्त मंगलवार को रात्रि में भव्य जगराता,27 अगस्त को पावन जन्मकल्याणक पर यज्ञ,हवन, महाआरती,दूर दराज से आने वाले दर्शनार्थियों द्वारा मेला दर्शन एवं छठवां विशाल भंडारा लगाया जाएगा जो अपने आप में आज मिसाल स्थापित करता है ।
    इस दौरान विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहेंगे ।
    ये गौरतलब है कि लूणकरणसर धान मंडी में ये सभी कार्यक्रम सफलता पूर्वक आयोजित किए जाएंगे।

  • एक क्लिक के कारण गवा दिए लाखों रूपये

    एक क्लिक के कारण गवा दिए लाखों रूपये

    एक क्लिक में कर्मचारी ने गवां दिए एक लाख नौ हजार रुपये जानें इन ऑनलाइन स्कैम्स से कैसे रहे सुरक्षित

    एक क्लिक में कर्मचारी ने गवां दिए एक लाख नौ हजार रुपये जानें इन ऑनलाइन स्कैम्स से कैसे रहे सुरक्षित आप व्हाट्सअप के वजह से आज के समय में कई सारी चीजें आसान हो गई है आज कल लोग शादी कार्ड तक व्हाट्सअप के जरिए भेजने लगे हैं हाल ही के समय में यह चलन काफी ज्यादा लोकप्रिय हो गया है एक सरकारी कर्मचारी के लिए डिजिटल शादी का कार्ड नुकसान का कारण बन गई जिसमें उसे करीब एक लाख नौ हजार रुपये गवां दिए यहां जानें क्या है ये स्कैम और कैसे रह सकते हैं इससे सुरक्षित

    इसमें कर्मचारी को एक अनजान नंबर से एक मैसेज मिला जिसमें एक शादी का निमंत्रण था इस मैसेज में एक डेट और मैसेज लिखा था और साथ में एक फाइल भी थी जो PDF फ़ॉर्मेट में शादी का कार्ड लग रही थी
    हालांकि, यह फाइल एक Android ऐप पैकेज (APK) थी। जैसे ही पीड़ित ने फाइल पर क्लिक किया, यह APK उसके फोन पर इंस्टॉल हो गई इस APK फाइल ने स्कैमर्स को फोन का पूरा एक्सेस दे दिया कुछ ही समय में स्कैमर्स ने उसके बैंक ऐप का एक्सेस प्राप्त कर लिया और उसके खाते से पैसे ट्रांसफर कर लिए

    साइबर सेल ने दर्ज की शिकायत, लेकिन

    जानकारी मिलने के बाद, पुलिस ने साइबर सेल डिपार्टमेंट में मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन अपराधियों को पकड़ना एक चुनौती बनी हुई है आधिकारियों की तरफ से कहा गया है कि यह कोई एक घटना नहीं है हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों की साइबर पुलिस ने पहले भी इस घोटाले के बारे में सलाह जारी की थी, जिसमें लोगों से अनजान नंबरों से फाइलें डाउनलोड करने से बचने का आग्रह किया गया था

    इन स्कैम से कैसे करें सुरक्षित

    कभी भी आपको किसी अनजान नंबर से आए मैसेज या फाइल पर क्लिक नहीं करना चाहिए
    आपको किसी भी लिंक या फाइल पर क्लिक करने से पहले उसको वेरीफाई करें
    आप अपने मोबाइल पर किसी भी अनजान ऐप को डाउनलोड न करें
    आपको अपने Android फोन पर Google Play Store के अलावा कोई भी फाइल इंस्टॉल नहीं करनी चाहिए

  • रेल यात्रियों एवं आमजम की जागरूकता के लिए जन चेतना

    रेल यात्रियों एवं आमजम की जागरूकता के लिए जन चेतना

    लूणकरणसर श्रेयांस बैद


    रेल यात्रियों व आमजन की जागरूकता के लिए जन चेतना

    रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं में यात्रीेयों व आमजन के लिए रेलवे इलेक्ट्रिक लाइन से बचने के लिए इलेक्ट्रिक विभाग से अभय सिंह बताया की कभी भी ऊपर से गुजरने वाली बिजली की लाइनों या पोल के पास न जाएं या उन्हें न छुएं क्योंकि इनमें 25000 kv का वोल्टेज होता है।

    आमजन् एवं यात्री ये बात ध्यान में रखें इसको छूने से बचें अपना सामान रेलवे ट्रैक या विद्युतीकृत उपकरणों के बहुत करीब न रखें बच्चों को विद्युतीकृत क्षेत्रों या रेलवे लाइनों के पास अकेले न छोड़ें उन्हें खतरनाक क्षेत्रों से दूर रखें ।

    बरसाती मौसम में इलेक्ट्रिक तारों के नीचे रेलवे ट्रैक पर छाता लेकर न निकले और लोहे की रोड़ वगैरा सीधा हाथ में लेकर न निकले पतंग या पतंग की डोर तारों से लटकती हो तो उसे भी छूने की कोशिश ना करें ट्रेन के कोच के ऊपर भी चढ़ने की कोशिश ना करें क्योंकि इलेक्ट्रिक लाइन 2 मीटर की दूरी से भी आपको अपनी ओर खींच सकती है ।

    कभी भी संभावित दुर्घटना हो सकती है तो इससे बचने के लिए हमेशा अपनी सुरक्षा का ख्याल रखें ।

  • विदेश में नौकरी के नाम पर बन सकते हो साइबर गुलाम

    जयपुर: राजस्थान पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के एक बेहद खतरनाक ट्रेंड साइबर स्लेवरी (साइबर गुलामी) को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है। पढ़े-लिखे और तकनीकी रूप से सक्षम युवाओं को विदेश में आकर्षक नौकरियों का लालच देकर दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में फंसाया जा रहा है, जहाँ उन्हें बंधक बनाकर जबरन साइबर धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

    एसपी साइबर क्राइम शान्तनु कुमार सिंह ने बताया कि साइबर अपराधी युवाओं को लाओस, म्यांमार और कंबोडिया जैसे देशों में आईटी सेक्टर में सुनहरे अवसरवका झांसा देते हैं। एक बार जब ये युवा वहाँ पहुँच जाते हैं, तो उनके पासपोर्ट और अन्य पहचान पत्र छीन लिए जाते हैं, और उन्हें शारीरिक तथा मानसिक रूप से बंधक बनाकर साइबर गुलाम बना दिया जाता है। इसके बाद उनसे जबरन भारतीय नागरिकों को निशाना बनाकर साइबर धोखाधड़ी करवाई जाती है। भारतीय विदेश मंत्रालय और विभिन्न पुलिस एजेंसियां ऐसे अंतरराष्ट्रीय आपराधिक सिंडिकेट्स पर नकेल कसने के लिए मिलकर काम कर रही हैं।

    राजस्थान पुलिस ने आमजन से अत्यधिक सतर्कता बरतने की अपील की है और कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी है:

    केवल विदेश मंत्रालय (MEA) में पंजीकृत भर्ती एजेंटों द्वारा प्रसारित नौकरियों के लिए ही आवेदन करें।
    किसी भी अवैध एजेंट या अपंजीकृत व्यक्ति द्वारा दिए जा रहे नौकरी के वादे या प्रलोभन से दूर रहें।
    एमईए की आधिकारिक वेबसाइट https://www.mea.gov.in/images/attach/03-list-4-2024.pdf पर पंजीकृत एजेंटों की सूची देखकर यह सुनिश्चित करें कि आपको नौकरी का आश्वासन देने वाला एजेंट वैध है।

    संदिग्ध लगने पर तुरंत करें रिपोर्ट:

    यदि आपको ईमेल, व्हाट्सएप, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम या फेसबुक पर कोई भी फर्जी लिंक, संदिग्ध नौकरी का ऑफर या असामान्य गतिविधि दिखाई दे तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930, 9256001930, 9257510100, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर या अपने निकटतम पुलिस स्टेशन/साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत करें।

  • नाग मिसाइल का सफल परीक्षण

    पोकरण में सेना का दम, स्वदेशी तोपों से गूंजा रेगिस्तान, नाग मिसाइल का भी सफल परीक्षण


    जैसलमेर: भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तान की सीमा से सटे जैसलमेर जिले में अभ्यास के दौरान 155 एमएम तोपों से सटीक निशाने लगाकर देश के दुश्मनों के सामने एक तरह से अपनी पुख्ता तैयारी का एलान कर दिया गया है। एशिया की सबसे बड़ी पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में कोणार्क कॉर्प्स के जवानों ने देश में निर्मित और विकसित इन तोपों से सटीक निशाने लगाए।

    सेना ने अभ्यास का ध्येय वाक्य ‘लाउड, लैथल और अनमैच्ड’ यानी जोरदार, घातक और बेजोड़ रखा। यह तोपें रक्षा उपकरणों और गोला बारूद के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता का भी परिचायक हैं, जिनके माध्यम से सीमा क्षेत्र में कोणार्क कॉर्प्स के जवानों ने सटीक निशाने लगाए।

    रेंज में धमाकों की गूंज:

    पोकरण फील्ड फायरिंग की सरजमीं पर 155 एमएम आर्टिलरी के धमाकों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया। भारतीय सेना की तरफ से यह भी साफ किया गया है कि वह शक्ति के लिए तेजी से दूसरों की बजाए आत्मनिर्भरता हासिल कर रही है। इन तोपों की तकनीकी को भी अभ्यास के दौरान परखा गया। इन परीक्षणों से हथियारों व गोला बारूद के क्षेत्र में मेक इन इंडिया की दहाड़ भी सुनाई दी है।

    नाग मिसाइल का सफल परीक्षण:

    गौरतलब है कि इसी फायरिंग रेंज में इसी साल की शुरुआत में भारत ने स्वदेश में निर्मित नाग मिसाइल का सफल परीक्षण भी किया था। तीसरी पीढ़ी की स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग के परीक्षण में मिसाइल ने तीन अलग-अलग लक्ष्यों को पूरी सटीकता के साथ ध्वस्त किया। यह मिसाइल 230 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से लक्ष्य पर हमला करती है।

  • दहेज़ केस मे अब 2 महीनों तक नहीं होगी गिरफ्तारी

    इलाहबाद! सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में इलहाबाद हाई कोर्ट के 2 साल पुराने दिशा-निर्देशों को अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब कोई महिला अपने ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज प्रताड़ना एक्ट के तहत केस दर्ज कराए तो पुलिस दो महीने तक पति या उसके रिश्तेदारों को गिरफ्तार न करे। दहेज एक्ट में 2 महीने तक न हो गिरफ्तारी… सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला,
    सुप्रीम कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न मामलों में गिरफ्तारी को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के दिशा-निर्देशों को बरकरार रखा है। अदालत ने एक महिला आईपीएस अधिकारी से जुड़े मामले में कहा कि दहेज प्रताड़ना के केस में पुलिस को दो महीने तक गिरफ्तारी नहीं करनी चाहिए।

    सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में इलहाबाद हाई कोर्ट के 2 साल पुराने दिशा-निर्देशों को अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब कोई महिला अपने ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज प्रताड़ना एक्ट के तहत केस दर्ज कराए तो पुलिस दो महीने तक पति या उसके रिश्तेदारों को गिरफ्तार न करे।

  • स्कूल की बिल्डिंग गिरने से 6 बच्चों की मौत

    राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल बिल्डिंग गिरी,6 बच्चों की मौत:29 से ज्यादा गंभीर घायल, मलबे में दबे मासूमों को गांव वालों ने निकाला झालावाड़

    झालावाड़ में सरकारी स्कूल की बिल्डिंग का हिस्सा गिरने से 6 बच्चों की मौत हो गई। हादसे में 30 से ज्यादा बच्चे गंभीर घायल हैं। हादसा शुक्रवार सुबह मनोहरथाना ब्लॉक के पीपलोदी सरकारी स्कूल में हुआ है।जानकारी के अनुसार हादसे में एक क्लासरूम ढहा है। इसमें 7वीं क्लास के 35 बच्चे बैठे थे। सभी मलबे में दब गए। टीचर्स और ग्रामीणों की मदद से सभी घायलों को बाहर निकाला गया। मनोहरथाना अस्पताल के डॉ कौशल लोढ़ा ने बताया कि 11 गंभीर घायलों को जिला हॉस्पिटल रेफर किया गया है।बारिश के बीच ढहा कमरा, 5 मृतकों की पहचानगांववालों ने बताया कि इस स्कूल में कुल 7 क्लासरूम हैं। हादसे के दौरान स्कूल के दो क्लासरूम में 71 बच्चे थे। जिस क्लासरूम में हादसा हुआ उसमें 7वीं क्लास के बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। स्कूल में दो टीचर भी मौजूद थे, लेकिन दोनों हादसे के दौरान बिल्डिंग से बाहर थे। हादसे के बाद से ग्रामीणों में नाराजगी है। उनका कहना है कि लगातार बारिश से बिल्डिंग जर्जर हो गई थी, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।अब तक 5 मृतक बच्चों की पहचानहादसे में पायल (14) पुत्री लक्ष्मण, प्रियंका (14) पुत्री मांगीलाल, कार्तिक (8) पुत्र हरकचंद, हरीश (8) पुत्र बाबूलाल, मीना रेदास की जान गई है। एक बच्चे की पहचान नहीं हुई है।9 घायल झालावाड़ रेफरवहीं, कुंदन (12) पुत्र वीरम, मिनी (13) पुत्र छोटूलाल, वीरम (8) पुत्र तेजमल, मिथुन (11) पुत्र मुकेश, आरती (9) पुत्री हरकचंद, विशाल (9) पुत्र जगदीश, अनुराधा (7) पिता लक्ष्मण राजू (10) पुत्र दीवान, शाहीना (8) पुत्र जगदीश को झालावाड़ रेफर किया गया है।मुख्यमंत्री ने दिए जांच के निर्देशमुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्कूल बिल्डिंग के हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने हादसे की जांच के निर्देश दिए हैं।हादसे की जांच कराई जाएगी- शिक्षा मंत्रीराजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हादसे के लेकर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। सभी का सरकारी खर्चे पर इलाज कराया जाएगा। सभी सीनियर अधिकारियों को मौके पर भेजा गया है।स्कूल में बिखरा बच्चों का सामान, ग्रामीण बोले- ये दर्दनाकहादसे के बाद स्कूल में जगह-जगह बच्चों की किताबें और सामान बिखरा हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों को बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला गया था। पूरा मंजर बहुत ही डरावना थाएक ही क्लास के हैं सभी बच्चेगांव वालों ने बताया कि मलबे में दबे सभी बच्चे 7वीं क्लास के हैं। जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त बच्चे पढ़ाई कर रहे थे।सभी बच्चों को मलबे से निकाला गयाहादसा सुबह करीब 8 बजे हुआ। स्थानीय लोगों ने बताया कि बिल्डिंग गिरने की धमाके जैसी आवाज हुई थी। करीब एक घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी घायल बच्चों को बाहर निकाला गया। इसके बाद मलबा हटाने का काम शुरू हुआ है।

  • मंदिर प्रशासन की मनमानी के चलते भक्त हुए अपने आराध्य देव से दूर

    जयपुर, 30 जून, जयपुर के आराध्य देव गोविन्द देव जी मंदिर का प्रशासन अपनी मनमानी कर रहा हैं जिसके कारण भक्त परेशान हो रहे हैं.

    राजस्थान ब्राह्मण महासभा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुनील शर्मा एडवोकेट ने बताया कि गोविंद देव जी मंदिर प्रशासन द्वारा जयपुर के राजा और जन जन के आराध्य देव श्री गोविंद देव जी से उनके भक्तों की दूरी बढ़ाकर भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं एकादशी जैसे खास मौके और रविवार की छुट्टी के दिन जयपुर शहर ही नहीं आसपास के लोग भी गोविंद देव जी के दर्शन करने आते हैं.

    प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुनील शर्मा ने एडवोकेट ने बताया कि प्रशासन और मंदिर प्रबंधन कमेटी ने वी आई पी लोगों को सुविधा देने के उद्देश्य से गोविंद भक्तों को उनके चरणों से दूर कर दिया 25 फिट दूर से 40 सेकंड दर्शन करवाना भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ है पप्रशासन इस फैसले को वापस लेकर अन्य कोई विकल्प तलाशे अन्यथा जयपुर के लाखों निराश भक्त अपने ठाकुर के चरण दर्शन के लिए सड़कों पर उतरेंगे । प्रशासन से मांग करते हैं कि पूर्ण व्यवस्था दुरुस्त की जाए जिससे गोविंद के भक्त उनके दर्शन कर सकें अन्यथा सभी गोविंद देव भक्त गोविंद देव मंदिर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे और अपनी भावनाओं को राजस्थान सरकार एवं पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन के सामने रखेंगे.

    जयपुर के लोगों की गोविंद देव जी में अपार आस्था है एकादशी और रविवार को लोग अपने राजा से अपने मन की बात कहने आते हैं लेकिन वी आई पी लोगों को सुविधा देने के उद्देश्य से उन आम भक्तों को गोविंद देव जी के चरणों से अलग कर दिया 25 फिट की दूरी से बुजुर्ग और चश्मे वाले लोगों का तो दर्शन करना ही नामुमकिन कर दिया है पहले लोग सुबह शाम और विशेषकर एकादशी के दिन माताएं बहनें प्रांगण में बैठकर भजन कीर्तन करती थीं जिसको अब गोविंद देव जी मंदिर प्रशासन द्वारा बिना सोचे समझे आम जनता की भावनाओं को जाने बिना ही बंद करने का निर्णय लिया है जिससे इसकी सैकड़ो वर्षों से चल रही भगवान और भक्तों की आस्था को समाप्त कर दिया , भगवान के प्रांगण में लोगों को बैठकर जो शांति का अनुभव होता था उसको भी भंग कर अब मंदिर प्रांगण में किसी का बैठना भी मना है , हम मंदिर प्रशासन से निवेदन करते हैं आम जन की भावनाओं को देखते हुए अन्य कोई विकल्प तलाशें इस तरह भक्तों कोअपने भगवान से दूर न करें!

  • भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

    नई दिल्ली भारत आधिकारिक तौर पर जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। नीति आयोग के CEO बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने 24 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। भारत ने यह उपलब्धि अपनी इकोनॉमिक पॉलिसी के कारण हासिल की है।

    इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी, IMF के आंकड़ों का हवाला देते हुए सुब्रह्मण्यम ने कहा, “हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हम 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं। आज भारत जापान से बड़ा है। अब केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी ही भारत से बड़े हैं।”

    नीति आयोग के CEO ने ये भी कहा कि अगर हम अपनी योजना और सोच-विचार पर टिके रहे, तो 2.5-3 साल में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीति आयोग के CEO सुब्रह्मण्यम ने भारतीय इकोनॉमी के चौथे नंबर पर पहुंचने की जानकारी दी।

    सवाल 1. भारत ने जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान कैसे हासिल किया?

    जवाब: IMF की अप्रैल 2025 की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की नॉमिनल जीडीपी 4.187 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई है, जो जापान की अनुमानित जीडीपी 4.186 ट्रिलियन डॉलर से थोड़ा ज्यादा है।

    भारत की यह उपलब्धि मजबूत घरेलू मांग, अनुकूल जनसांख्यिकीय रुझानों, और नीतिगत सुधारों के कारण है। भारत की अर्थव्यवस्था 6-7% की एनुअल ग्रोथ रेट बनाए हुए है, जबकि जापान की अर्थव्यवस्था को ग्लोबल ट्रेड टेंशन और पॉलिसी चेंज के कारण नुकसान हुआ है।

    सवाल 2. भारत की इस उपलब्धि का ग्लोबल सिनारियो पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

    जवाब: भारत का चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना ग्लोबल लेवल पर कई प्रभाव डालेगा:

    वैश्विक प्रभाव में बढ़ोतरी: भारत का अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे G20 और IMF में प्रभाव बढ़ेगा।
    इन्वेस्टमेंट हब: भारत में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) में और वृद्धि होगी, क्योंकि ग्लोबल कंपनियां भारत को एक आकर्षक बाजार के रूप में देख रही हैं।
    क्षेत्रीय स्थिरता: भारत और जापान के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी, जैसे चंद्रयान-5 और सैन्य सहयोग, भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देगी।
    इकोनॉमिक लीडरशिप: भारत का यह कदम उसे ग्लोबल इकोनॉमिक लीडरशिप की दिशा में और करीब लाता है, खासकर जब वह 2028 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है।

    सवाल 3. जापान की अर्थव्यवस्था क्यों पिछड़ रही है?

    जवाब: जापान की अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों का सामना कर रही है:

    लो ग्रोथ रेट: IMF के अनुमान के अनुसार, 2025 में जापान की जीडीपी ग्रोथ रेट केवल 0.3% रहने की उम्मीद है, जो भारत की 6.5% की तुलना में बहुत कम है।

    जनसांख्यिकीय संकट: जापान की उम्रदराज आबादी और लो बर्थ रेट ने लेबर फोर्स को सीमित कर दिया है।

    ग्लोबल ट्रेड टेंशन्स: अमेरिका और अन्य देशों द्वारा लगाए गए टैरिफ और व्यापार नीतियों ने जापान की निर्यात-आधारित अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है।

    आर्थिक स्थिरता की कमी: जापान की अर्थव्यवस्था कई दशकों से स्थिरता के लिए संघर्ष कर रही है, जिसके कारण वह भारत जैसे तेजी से बढ़ते देशों से पिछड़ गया है।

    सवाल 4. क्या भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है?

    जवाब: हां, IMF और अन्य वैश्विक संस्थानों के अनुमानों के अनुसार, यदि भारत की वर्तमान वृद्धि दर बनी रहती है, तो 2028 तक भारत जर्मनी (4.9 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी) को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।

    भारत की जीडीपी 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर और 2028 तक 5.58 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसके बाद केवल अमेरिका (30.57 ट्रिलियन डॉलर) और चीन (19.231 ट्रिलियन डॉलर) ही भारत से आगे रहेंगे।

    सवाल 5. भारत के इस इकोनॉमिक बूम का आम लोगों पर क्या असर होगा?

    जवाब: भारत की आर्थिक प्रगति का आम लोगों पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं:

    रोजगार के अवसर: तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था से नए रोजगार सृजित होंगे, खासकर तकनीक, विनिर्माण, और सेवा क्षेत्र में।
    बेहतर जीवन स्तर: बढ़ती जीडीपी और निवेश से इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, और शिक्षा में सुधार होगा।
    कंज्यूमर पावर: बढ़ती आय और मध्यम वर्ग के विस्तार से उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ेगी।
    चुनौतियां: आय का असमान डिस्ट्रीब्यूशन और महंगाई जैसी चुनौतियां बनी रह सकती हैं, जिन्हें सरकार को संबोधित करना होगा।

    GDP क्या है?

    इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए GDP का इस्तेमाल होता है। ये देश के भीतर एक तय समय में बनाए गए सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को दिखाती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है।

    दो तरह की होती है GDP

    GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है।

    फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है।

    कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP?

    GDP को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है।

    GDP की घट-बढ़ के लिए जिम्मेदार कौन है?

    GDP को घटाने या बढ़ाने के लिए चार इम्पॉर्टेंट इंजन होते हैं। पहला है, आप और हम। आप जितना खर्च करते हैं, वो हमारी इकोनॉमी में योगदान देता है। दूसरा है, प्राइवेट सेक्टर की बिजनेस ग्रोथ। ये GDP में 32% योगदान देती है। तीसरा है, सरकारी खर्च।

    इसका मतलब है गुड्स और सर्विसेस प्रोड्यूस करने में सरकार कितना खर्च कर रही है। इसका GDP में 11% योगदान है। और चौथा है, नेट डिमांड। इसके लिए भारत के कुल एक्सपोर्ट को कुल इम्पोर्ट से घटाया जाता है, क्योंकि भारत में एक्सपोर्ट के मुकाबले इम्पोर्ट ज्यादा है, इसलिए इसका इम्पैक्ट GPD पर निगेटिव ही पड़ता है।