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कोरोना के बचाव के लिए जागरूकता जरूरी :- भांभू

गीतांजलि पोस्ट/श्रेयांस बैद

लूणकरणसर:- विश्व स्वास्थ्य दिवस पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार तालुका लूणकरणसर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल कैम्प लगाकर आम जन को जागरूक करते हुए डॉ भागीरथ भाम्भू ने कहा कि कोरोना के चलते सभी को महामारी में कष्ट उठाने पड़े थे सभी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहकर इससे बचने का प्रयास करें व सफाई का विशेष ध्यान रखें । मौसमी बीमारियों वायरल के होने से तुरंत इलाज करवाये । प्राधिकरण के पैनल सदस्य श्रेयांस बैद , अधिवक्ता राम लाल गोदारा , मिना मोदी ,सिस्टर विमला सहित ग्रामीणों की सहभागिता रही ।

हनुमान जन्मोत्सव पर हुई भजन संध्या व 51 किलो का चढ़ाया गया केक

गीतांजलि पोस्ट/श्रेयांस बैद

लूणकरणसर में हनुमान जन्मोत्सव की धूम

लूणकरणसर:- श्री बालाजी भक्त मण्डल द्वारा श्री हनुमान मंदिर प्रांगण में रिमझिम फ़ुहारों के बीच आयोजित भजन संध्या में गायकों ने बजरंग बली के भजनों का गुणगान करते हुए भक्तों को भाव विभोर कर दिया ।

मन्दिर में बालाजी महाराज का पुजारी परिवार द्वारा विशेष श्रृंगार किया गया।

बालाजी को 51 किलो का जय बाबे री गौ सेवार्थ मानव हतार्थ सुंदरकांड मण्डली द्वारा केक चढ़ाकर प्रसाद वितरण किया गया ।

जन्मोत्सव पर मन्दिर के बाहर मेले का माहौल नजर आ रहा है बच्चों ने झूले का आनंद लिया। इस दौरान दूर दराज से आये ग्रामीणों ने धोक लगाकर अर्जी लगाई ।

बीकानेर प्रेस क्लब चुनाव में जोशी बने अध्य्क्ष

गीतांजलि पोस्ट/श्रेयांस बैद

भवानी जोशी अध्यक्ष,कुशालसिंह महासचिव,कोषाध्यक्ष बने सुमित व्यास

बीकानेर:- बीकानेर प्रेस क्लब के चुनाव रविवार को सम्पन्न हुए चुनाव में शहरी व ग्रामीण पत्रकारों के मतदान से वरिष्ठ पत्रकार भवानी जोशी ने जीत दर्ज की ।

परिणामों की घोषणा चुनाव अधिकारी अधिवक्ता अविनाश चंद्र व्यास ने की व चुनाव प्रक्रिया में एडवोकेट मदनगोपाल व्यास सहयोगी के रूप में शामिल रहे।

महासचिव पद पर खुशाल सिंह व कोषाध्यक्ष सुमित व्यास चुने गए। अध्यक्ष पद के लिए भवानी जोशी और नीरज जोशी के बीच सीधा मुकाबला हुआ जिसमें भवानी जोशी को 77 वोट मिले व नीरज जोशी को 52 वोट मिले।

महासचिव पद कुशाल सिंह मेडतिया को 71 वोट मिले वंही धीरज जोशी को 50 तथा अलंकार गोस्वामी को 9 वोट मिले इसी तरह कोषाध्यक्ष पद पर सुमित व्यास को 78 वोट व नरेश मारू को 55 वोट मिले।

पत्रकार श्याम मारु ने बताया कि गुलाम रसूल, रामस्वरूप भाटी, विवेक आहुजा, दिनेश जोशी निर्विरोध कार्यकारिणी सदस्य नियुक्त हुए।

चुनाव जीतने के बाद अध्यक्ष भवानी जोशी ने पत्रकार साथियों का आभार व्यक्त करते हुए वंचित पत्रकारों को प्लॉट, प्रेस क्लब भवन, शैक्षणिक भ्रमण सहित विभिन्न योजनाओं व आयोजनों की बात कही।
महासचिव कुशाल सिंह मेड़तिया व कोषाध्यक्ष सुमित व्यास ने प्रेस क्लब हेतु समर्पण भाव से कार्य करने का विश्वास दिलाया ।
पूर्व अध्यक्ष जेएन बिस्सा ने अपने कार्यकाल में मीले सहयोग केलिए सभी पत्रकारों का आभार व्यक्त किया।

अहिंसा प्रणेता तीर्थंकर भगवान महावीर जन्मकल्याणक विशेष

गीतांजलि पोस्ट/श्रेयांस

जानवरों की लाशें खाने के परिणाम-महाविनाश

मांसाहार पर वैज्ञानिकों ने शोध की है…
खासतौर पर मांसाहार की आदत के कारण प्रतिदिन मारे जाने वाले पशुओं की संख्या जो दिनोंदिन बढ़ रही है।
सूजडल (रूस) में पिछले दिनों हुए भूस्खलन और प्राकृतिक आपदा पर हुए एक सम्मेलन में भारत से गए भौतिकी के तीन वैज्ञानिकों ने एक शोधपत्र पढ़ा। डॉ. मदन मोहन बजाज, डाॅ. इब्राहीम और डाॅ. विजयराजसिंह के अलावा दुनिया भर के 23 से अधिक वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए शोधपत्र के आधार पर कहा गया कि भारत, जापान, नेपाल, अमेरिका, जॉर्डन,अफगानिस्तान, अफ्रीका में पिछले दिनों आए तीस बड़े भूकंपों में आइंन्स्टाईन पेन वेव्ज -ईपीडब्ल्यू (Einstein Pain Waves – EPW) बड़ा कारण रही है।
इन तरंगों की व्याख्या यह की गई है कि कत्लखानों में जब पशु काटे जाते हैं तो उनकी अव्यक्त कराह, फरफराहट, तड़प वातावरण में तब तक रहती है जब तक उस जीव का मांस, खून, चमड़ी पूरी तरह नष्ट नही होती ।
उस जीव की कराह, खाने वालों से लेकर पूरे वातवरण मे भय रोग और क्रोध उत्पन्न करती है। यों कहें कि प्रकृति अपनी संतानों की पीड़ा से विचलित होती है।
अध्ययन मे बताया गया है कि प्रकृति जब ज्यादा क्षुब्ध होती है तो मनुष्य आपस में भी लड़ने भिड़ने लगते है, चिडचिडे हो जाते है और विभिन्न देश प्रदेशों में दंगे होने लगते हैं।
सिर्फ स्वाद के लिए बेकसूर जीव जंतुओं की हत्या ही इस तरह के दंगों का कारण बनती है और कभी कभी आत्महत्या का भी ।
ज्यादातर मामलों में प्राकृतिक उत्पात, जैसे अज्ञात बीमारियाँ, हार्टअटॅक, अतिवृष्टि, अनावृष्टि, बाढ़, भूकंप, ज्वालामुखी के विस्फोट जैसे संकट आते हैं।
इस अध्ययन के मुताबिक एक कत्लखाने से जिसमें औसतन पचास जानवरों को मारा जाता है 1040 मेगावॅट ऊर्जा फेंकने वाली ईपीडब्ल्यू पैदा होती है।
दुनिया के करीब 50 लाख छोटे बड़े कत्लखानों में प्रतिदिन 50 लाख करोड़ मेगावॅट की मारक क्षमता वाली शोक तरंगे या ईपीडब्ल्यू पैदा होती है।
विश्व के 700 से अधिक वैज्ञानिकों सहित अनेक डाक्टरों के सम्मेलन में माना गया कि कुदरत कोई डंडा ले कर तो इन तंरगों के गुनाहगार लोगों को दंड देने नहीं निकलती। उसकी एक ठंडी सांस भी धरती पर रहने वालों को कंपकंपा देने के लिए काफी है।
कत्लखानों में जब जानवरों को कत्ल किया जाता है तो बहुत बेरहमी के साथ किया जाता है, बहुत हिंसा होती है, बहुत अत्याचार होता है। जानवरों का कत्ल होते समय उनकी जो चीत्कार निकलती है, उनके शरीर से जो स्ट्रेस हारमोन्स निकलते है और उनकी जो शोक वेब्ज निकलती है वो पूरी दुनिया को तरंगित कर देती है, कम्पायमान कर देती है।
परीक्षण के दौरान लॅबोरेटरी में भी जानवरों पर ऐसा हीं वीभत्स अत्याचार होता है।
जानवरों को जब काटा जाता है तो बहुत दिनों तक उनको भूखा रखा जाता है और कमजोर किया जाता है, फिर उनके ऊपर 80 डिग्री सेंट्रीगेड गर्म पानी की बौछार डाली जाती है, उससे उनका शरीर फूलना शुरु हो जाता है, तब गाय भैंस बकरी तड़पना और चिल्लाने लगते हैं तब जीवित स्थिति में उनकी खाल को उतारा जाता है और खून को भी इकठ्ठा किया जाता है। फिर धीरे धीरे गर्दन काटी जाती है, एक एक अंग अलग से निकाला जाता है।
आज का आधुनिक विज्ञान ने ये सिद्ध किया है के मरते समय जानवर हो या इन्सान अगर उसको क्रूरता से या उम्र पूरी होने के पहले मारा जाता है तो उसके शरीर से निकलने वाली जो चीख पुकार है उसकी वाइब्रेशन में जो निगेटिव्ह वेव्स निकलते हैं वो पूरे वातावरण को बुरी तरह से प्रभावित करते है और उससे सभी मनुष्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, खासतौर पर सबसे ज्यादा असर ऐसे जीव का उन मनुष्यों पर पड़ता है जो उसका मांस खाते है और ये दुष्प्रभाव एक बार खाने के बाद कम से कम 18 महीने से ज्यादा तक रहता है ।
बड़ी बात ये है कि खाने वाले के परिजन ओर अधिक तनावग्रस्त, दुखी व भयंकर रोगों से पीडित होते जाते है। इससे मनुष्य में जिद करने, गाली देने, चोरी करने, दूसरों का धन हड़पने के साथ अत्यंत क्रोध व हिंसा करने की प्रवृत्ति बढ़ती है, जो अत्याचार और पाप पूरी दुनिया में बढ़ा रही है ।
अफ्रीका के दो प्रोफेसर, दो जर्मनी, दो अमेरिका के, एक भारतीय मदनमोहन और चार जर्मनी के वैज्ञानिकों ने अपने अपने हेड मार्क फीस्ट्न, डेविड थॉमस, जुंनस अब्राहम व क्रिओइबोँद फिलिप् के साथ बीस साल इस विषय पर रिसर्च किया है और उनकी रिसर्च ये कहती है कि जानवरों का जितना ज्यादा कत्ल किया जायेगा जितना ज्यादा हिंसा से मारा जायेगा उतना ही अधिक दुनिया में भूकंप आएंगे, जलजले आएंगे प्राकृतिक आपदा आयेंगी उतना ही दुनिया में संतुलन बिगड़ेगा और लोग दुखी, तनावयुक्त व हार्टअटॅक से पीडित होंगे ।
लाश खाना छोड़ें और शाकाहारी बनें ।

श्रीदादू दर्शन पदयात्री पहुंचे सांभर धाम

गीतांजलि पोस्ट/विनय शर्मा

सांभर लेक:- श्रीदादू साधना धाम सांभर में करडाला धाम से नोसल, भदूण, पीपला की ढाणी होती हुई 23वीं पदयात्रा सांभर धाम पहुंची। स्थानीय महन्त अर्जुंनदास जी महाराज ने बताया कि पदयात्रा सुबह झील के मध्य स्थित दादू महाराज की छतरी पर पहुंची, जहां पर भजन कीर्तन के बाद दादू दयालजी की महाआरती की गई। महाआरती के बाद पदयात्रा कस्बे के मध्य स्थित श्रीदादू मन्दिर पहुंची, जहां पर सैंकड़ों भक्तों ने दादूवाणीजी की महाआरती के दर्शन किए। सांभर स्थित दादू साधना धाम पर दर्शन और आरती के बाद पदयात्रा नरेना धाम के लिए रवाना हुई।

तीर्थंकर भगवान महावीर का 2622 वां जन्मकल्याणक मनाया

गीतांजलि पोस्ट/ श्रेयांस बैद

लूणकरणसर:- लूणकरणसर में तीर्थंकर महावीर का जन्मकल्याणक धूमधाम से मनाया गया। अलसुबह सजीव झांकियों के साथ गणवेश में श्रावक श्राविकाओं ने प्रभात फेरी निकालकर कर अहिंसा का संदेश दिया। स्थानीय तेरापंथ भवन में साध्वी पान कुमारी के सानिध्य में जन्मकल्याणक पर विशेष प्रवचन के दौरान जैन समाज के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे। व्याख्यान देते हुए साध्वी पान कुमारी ने कहा कि भगवान महावीर ने जियो और जीने दो सूत्र वाक्य से मानव मात्र को अहिंसात्मक जीवन शैली से जीने का संदेश दिया। इस दौरान महिला मंडल द्वारा लघु नाटिका की प्रस्तुती दी गई। सभा अध्य्क्ष विमल दुगड़, मंत्री प्रेम बैद इत्यादि ने अपने विचार रखे।

गौबर-गौमूत्र के प्रसंस्करण द्वारा जैविक खेती, पशु पालन एंव व्यवसाय में बने आत्म निर्भर: संजीव वर्मा

गीतांजलि पोस्ट/श्रेयांस बैद

लूणकरणसर:- राजूवास विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पशु विज्ञान केंद्र लूणकरणसर में दिनांक 31/03/2023 को आत्मा योजना द्वारा प्रायोजित प्रदर्शन इकाइयों का वितरण किया गया । इस कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि संजीव वर्मा, उपखण्ड अधिकारी लूनकरणसर ने पशुपालको को गोबर गोमूत्र प्रसंस्करण पर प्रकाश डालते हुए परंपरागत तरीके की बजाय वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन करने का आव्हान किया तथा केंद्र का अवलोकन करते हुए उन्होने विश्वविधालय एंव पशु विज्ञान केन्द्र द्वारा की जा रही गतिविधियो की सराहना की । कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि ममता कुमारी, उप परियोजना निदेशक (आत्मा ) बीकानेर ने आत्मा योजना के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए पशुपालकों को इस योजना द्वारा संचालित विभिन्न प्रशिक्षणों से लाभ उठाने हेतु प्रेरित किया। पशु विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. अमित कुमार ने पधारे हुए अतिथियों को केंद्र मे होने वाली विभिन्न गतिविधियो, रोग निदान सुविधाओ एंव विभिन्न प्रदर्शन इकाइयों का अवलोकित करवाया । कार्यक्रम का संचालन केंद्र के डॉ. हेमंत कुमार ने किया । इस अवसर पर विभिन्न प्रदर्शन इकाइयों का वितरण किया गया । इस कार्यक्रम मे 50 महिला एंव पुरुष लाभार्थियों ने शिरकत की ।

रामनवमी पर निकली भव्य शोभायात्रा, पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ रहे मुख्य अतिथि

गीतांजलि पोस्ट/विनय शर्मा

सांभर लेक:- सांभर स्थित गोवर्धन नाथ जी मंदिर में चल रहा नवचंडी महायज्ञ का समापन रामनवमी के अवसर पर हुआ। महंत जुगलदास जी महाराज ने बताया कि गोवर्धन नाथ मंदिर में नौ दिवसीय महायज्ञ चल रहा था। रामनवमी के दिन इस महायज्ञ का समापन हुआ। नवचंडी यज्ञ के समापन के बाद गोवर्धन नाथ मंदिर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस दौरान पूरा कस्बा भगवामय हो गया। शोभायात्रा कस्बे के मुख्य मार्गों से निकली गई। शोभायात्रा का जगह – जगह पुष्पवर्षा करके स्वागत किया गया। शोभायात्रा में श्री राम व्यायामशाला टोड़रायसिंह से आए लोगों ने करतब का प्रदर्शन दिया। शोभायात्रा के दौरान संपूर्ण क्षेत्र जय श्री राम के उदघोष से गुंजायमान हो उठा। शोभायात्रा में आकर्षक झांकियां सजाई गई। शोभायात्रा कस्बे के मुख्य मुख्य मार्गों से होते हुए सांभर स्थित स्टेडियम पहुंचीं। जहां शोभायात्रा का समापन किया गया। शोभायात्रा के समापन के बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रखर वक्ता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने अपना उद्बोधन दिया। प्रखर वक्ता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने अपना उद्बोधन शुरू किया वैसे ही पूरा स्टेडियम तालियों की घड़घड़ाहट से गूंज उठा।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महंत लक्ष्मीनारायण दास महाराज, महंत बालकदास महाराज, पूर्व भाजपा युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष दीनदयाल कुमावत, विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष शिवजी राम कुमावत थे। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिनेश शर्मा, वृताधिकारी सांभर लक्ष्मी सुथार, सांभर थानाधिकारी राजेंद्र यादव के नेतृत्व में पुलिस जाप्ता तैनात था।

कल होगा नवचंडी महायज्ञ का समापन

गीतांजलि पोस्ट/विनय शर्मा

सांभर लेक:- सांभर स्थित गोवर्धन नाथ मंदिर में चैत्र नवरात्रि के प्रारंभ से नौ दिवसीय महायज्ञ चल रहा है। इस यज्ञ में लोगों द्वारा आहुतियां देकर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना की जा रही है। दुर्गा अष्टमी के दिन भगवान की पूजा अर्चना की गई एवं भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया गया। इसके बाद यज्ञ में आहुति दी गई। मंदिर के महंत श्री 108 श्री जुगल किशोरदास जी ने बताया यज्ञ का समापन कल रामनवमी पर पूर्णाहुति के साथ होगा। भगवान की विशाल भव्य शोभायात्रा नगर में निकाली जाएगी।

किसान कम लागत में अधिक मुनाफा वाली सुरक्षित औषधीय फसल उगाये: डॉ वी आर सिंह

गीतांजलि पोस्ट/डेस्क टीम

फुलेरा:– कस्बे के समीपवर्ती गांव सामोता का बास में बुधवार को औषधीय पौधों की अधिक पैदावार एवम नवीन तकनिकी कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला आयोजक डॉ नरेश भाग के मुताबिक क्षेत्र में अनियमित मानसून ओर सिंचाई के अपर्याप्त संसाधनों के कारण किसान को कम लागत और सुरक्षित खेती व ज्यादा मुनाफा मिले। इसके लिए वैज्ञानिक तथा औद्योगिक परिषद भारत सरकार की केंद्रीय औषधीय पौध संस्थान (CIAMP)लखनऊ के तत्वाधान में इस ग्राम में यह कार्यशाला का आयोजन किया। युवा किसान सीताराम कुमावत और राजु चोधरी के खेत पर किया गया। कार्यशाला का उद्धघाटन वरिष्ठ एवम मुख्य पादप जेब वैज्ञानिक डॉ वी आर सिंह ने किया। इस अवसर पर कृषि विशेषज्ञ
डॉ ऋषि ने किसानो को बताया कि यहाँ की जमीन पर कम पानी और कम लागत से औषधीय फसल जैसे केमोमाईल, तुलसी मेन्थोल अरोमा की बहु वर्षीय फासलेंबउगाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि केमोमाईल जिसका तेल औषधि के काम में आता है। इस फसल को नवंबर दिसम्बर मे बोया जाता है। जो 75 से 90 दिन पक जाती है और एक बार बोने के बाद पांच साल तक चलती है और साल में दो बार फसल ली जा सकती है। इस फसल की खास बात यह है कि यह काम सिंचाई, काम लागत से होती है और इसमें खरपतवार नहीं होती तथा इसको नील गाय और अन्य जानवरो से कोई खतरा नहीं रहता है। इसके फूलो से एक एकड़ में तीन किलो तक तेल प्राप्त किया जा सकता है।जिसका बाजार मूल्य लगभग 25 हजार रूपये किलो होता है। कार्यशाला में सांभर उपप्रधान मनोज यादव, सरपंच प्रतिनिधि मुकेश यादव सहित सैंकड़ों किसानों ने कार्यशाला में भाग लेकर औषधीय फसल उगाने का तकनिकी ज्ञान प्राप्त किया।