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नकली दूध – घी बनाने वाले कैमिकल की फैक्ट्री पकड़ी

लूणकरणसर श्रेयांस बैद

बड़ी मात्रा में नकली दूध – घी बनाने वाले कैमिकल की फैक्ट्री पकड़ी

लूणकरणसर वार्ड नं 10 में फूड इंस्पेक्टर श्रवण वर्मा टीम सहित मौके पर पहुंच कर मिलावटी दूध तैयार करने का वनस्पति,तेल, केमिकल,प्रोटीन पाउडर जब्त किया है टाइगर फोर्स के महिपाल सिंह सिंह ने दूध बनाने की जानकारी पुलिस को दी थी।

क्षेत्र दूध के मामले में अव्वल स्थान रखता है क्षेत्र में नकली दूध बनाए जाने को लेकर सीसीआई के प्रदेश सचिव श्रेयांस बैद ने बताया कि इस मामले को लेकर पूर्व में भी सरकार को अवगत करवाया गया था।

कालू विकास महोत्सव आचार्य महाप्रज्ञ की स्वोप्रज्ञ देन हैं:-साध्वी उज्जवल रेखा

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कालू तेरापंथ भवन में विकास महोत्सव पर साध्वी उज्ज्वल रेखा ने कहा कि वैज्ञानिक युग में यदि कोई व्यक्ति, परिवार, समाज सफलता का जीवन जीने का अभीप्सु है, जीना चाहता है तो उसे दो बातों पर पहले ध्यान केंद्रित करना होगा, मर्यादा और अनुशासन। जहां इन दो तत्वों को गौण किया जाता है वह व्यक्ति हो अथवा संगठन या कोई संस्थान कभी भी प्रगति, विकास नहीं कर पाता। उसे बिखरते देर नहीं लगती।

तेरापंथ धर्मसंघ सौभाग्य शाली संघ है जहां विकास की निरंतर प्रकिया जारी है। साध्वीश्री ने कहा कि विकास महोत्सव आचार्य महाप्रज्ञ की स्वोप्रज्ञ देन हैं।

उन्होंने अपने विकास प्रदाता नवाधिपति गुरुदेव तुलसी के पदारोहण दिवस को स्थायित्व देते हुए विकास महोत्सव की परिकल्पना प्रस्तुत कर स्थात्यित्व प्रदान किया। गुरुदेव तुलसी स्वयं विकास के पुरोधा पुरुष थे। उन्होंने अपने शासनकाल में संघ को शिक्षा, शोध, कला, साहित्य, सामाजिक संस्था, प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान, विसर्जन, नया मोड, अहिंसा प्रशिक्षण, अणुव्रत, जैन विश्व भारती जैसे महान कार्य के द्वारा विकास के नए क्षितिज खोल दिए।

विकास महोत्सव तेरापंथ की गति प्रगति का प्रतीक है। साध्वी नम्रप्रभा, साध्वी हेमप्रभा, महिला मंडल से पुष्पा सांड, चंद्रकला दुग्गड़, तेरापंथ सभा अध्यक्ष बुधमल लोढ़ा, ज्ञानशाला ज्ञानार्थी ईशा दुग्गड़ ने अपने विचार भावों व गीतिका के माध्यम से किए ।

कालू….. अखिल भारतीय साहित्य परिषद ईकाई-लूणकरनसर द्वारा3 बजे कवि-गोष्ठी का आयोजन

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अखिल भारतीय साहित्य परिषद ईकाई-लूणकरनसर एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा
कवि-गोष्ठ श्री जगदंबा यात्री निवास कालू में 2 सितम्बर दोपहर 3 बजे आयोजित कि जाएगी।

अखिल भारतीय साहित्य परिषद् में कविगण कैलाशदान कविया (सीकर), डा हरिमोहन सारस्वत ‘रूख, मदन गोपाल लढ्ढा,भगवती पारीक , पूनमचंद गोदारा, देवीलाल महिया,पवनसिंह अनाम , छैलू चारण ‘छैल’ एवं डॉ. अखिलानंद पाठक, अध्यक्ष अभासाप राजस्थान (जोधपुर प्रान्त) डॉ. रामगोपाल शर्मा, प्राचार्य IASE बीकानेर कृष्णकांत विश्नोई , ADPC समसा,डॉ. विष्णु जोशी,शिक्षण मंडल महंत मोहनदास महाराज, मोहनराम ओझा,शुकदेव मुनि महाराज,विजय पाल,जंवरीमल बोथरा उपस्थित रहेंगे ।


कालू क्षेत्र के सभी साहित्य रसिकों ने कवि गोष्ठी में आने का आग्रह साहित्य प्रेमियों ने किया है।

नायब तहसीलदार नरूका ने कार्यभार संभाला

मनोहरपुर (कृष्ण कुमार वर्मा):- कस्बे के उपतहसील में राजगढ़ अलवर से आए नायब तहसीलदार विश्वनाथ प्रताप सिंह नरूका ने सोमवार को कार्यभार संभाल लिया। इस अवसर पर स्टाफ कर्मियों एवं ग्रामीणों ने उनका स्वागत किया। मनोहरपुर नायब तहसीलदार दलीप कुमार का राजगढ़ अलवर तबादला हो गया। उनके स्थान पर नायब तहसीलदार विश्वनाथ प्रताप सिंह नरूका को लगाया गया है।

मौसमी बीमारियों का असर: सरकारी व निजी चिकित्सालयों में बढ़े

रोगी बच्चों में लाल दाने और गले व मुंह में छाले चिकित्सक बोले: घबराए नहीं, ध्यान रखे, उपचार लें

मनोहरपुर (कृष्ण कुमार वर्मा):- मानसून में उमस और नमी बढ़ने के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में मौसमी बीमारियों का प्रकोप तेज हो गया है। बुखार, खांसी-जुकाम और दस्त जैसी सामान्य बीमारियों के साथ अब बच्चों में ‘कॉक्ससैकी वायरस’ तेजी से फैल रहा है। इस वायरस से पीड़ित 12 वर्ष तक के बच्चों में लाल दाने और मुंह-गले में छाले हो रहे हैं। एक सप्ताह में सीएचसी और निजी चिकित्सालयों में ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सीएचसी सहित निजी अस्पतालों में वायरस की चपेट में आने वाले बच्चों की ओपीडी बढ़ रही है। सीएचसी की बात की जाए तो एक सप्ताह में 20 से अधिक बच्चे उपचार के लिए पहुंचे हैं। चिकित्सकों ने बताया कि वायरस की चपेट में आने वाले बच्चों के पहले एक या दो दिन में बुखार आता है, फिर मुंह में छाले हो रहे हैं। ओपीडी में हर दिन दस-बीस बच्चे उपचार के लिए लाए जा रहे हैं। इसके अलावा अस्पतालों में अन्य मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की भी कतार लग रही है। पर्ची काउंटर से लेकर दवा और जांच काउंटर तक मरीजों की लंबी कतार देखने को मिल रही है। सीएचसी में करीब 700 तक ओपीडी पहुंच रही है।क्या है वायरसजब भी कोई बच्चा कॉक्ससैकी वायरस की चपेट में आता है। सबसे पहले उसे बुखार आता है। इसी के साथ ही उसकी भूख कम हो जाती है। इलाज शुरू नहीं हुआ तो पेट, पीठ, कमर के नीचे पीछे और मुंह के अंदर लाल दाने आने लगते हैं। पीड़ित बच्चे के संपर्क में आने एवं श्वसन क्रिया से भी वायरस फैलता है। इसके लिए पीड़ित बच्चों को अलग कर उनके मास्क लगवाएं।पिछले सप्ताह से ज्यादा मामले इस मौसम में पिछले सप्ताह से इस वायरस का प्रकोप बढ़ा है। चिकित्सक दिलीप नारोलिया ने बताया कि बुखार से पीड़ित कई बच्चों के ठीक होने के बाद मुंह में दर्दनाक छालों की समस्या हो रही है। जिससे छालों पर लगाने वाली जेल, माउथवॉश और विटामिन की गोलियों की बिक्री में 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी देखी जा रही है।खाना-पीना हो रहा कमचिकित्सकों ने बताया कि वायरस से बच्चों के मुंह में छाले होने से दर्द होने लगता है और खाना पीना कम कर देते हैं। हल्की गर्म और तीखे खाद्य पदार्थ से दर्द महसूस होने लगता है। खाना-पीना कम करने से पीड़ित बच्चों में कमजोरी भी आती है। हालांकि सामान्य तौर पर बच्चे एक सप्ताह में ठीक हो रहे है।

घबराएं नहीं, उपचार से ठीक हो रहे वायरस की चपेट में आने पर परिजनों को घबराने की जरूरत नहीं है। बच्चा एक सप्ताह में पूरी तरह ठीक हो जाता हैं। यह समस्या खासकर 3 से 12 वर्ष आयु के बच्चों में होती है। बच्चों को ठंडक देने वाले, हल्के और मुलायम आहार नारियल पानी, तरबूज आदि देने चाहिए। मसालेदार और गरम चीजों से परहेज कराएं।

डॉ. देवेन्द्र कुमार शर्मा, बाल रोग विशेषज्ञ, सीएचसी मनोहरपुर

सांभर क्षेत्र में बाढ़ के बने हालत

सांभर लेक (विनय शर्मा):- सांभर लेक में बाढ़ के हालात को लेकर प्रशासन अलर्ट,

सांभर लेक, शाकंभरी माता, रूपनगढ़ स्टेट हाईवे को बैरिकेड्स लगाकर किया बंद,

सांभरलेक-नलियासर नरैना, दूदू सड़क मार्ग को भी ऐतिहातन किया बंद,

सुबह से ही मूसलाधार बारिश का दौर जारी,

सांभर उपखंड की सरकारी व निजी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों की कर दी छुट्टी,

कई गांवों में जलभराव से बाढ़ के बन गए हालात

सोलर एनर्जी के लिए वृक्ष एवं जल स्रोतों का अंधाधुंध दोहन

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भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के मानद प्रतिनिधि बैद ने लिखा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र ।


ग्रीन एनर्जी बनाम भारतीय ज्ञान परंपरा एवं प्राकृतिक विरासत ।

प्रकृति के श्रृंगार का बेतरतीब हो रहा दोहन पर्यावरण विनाश का सूचक ।

पश्चिमी राजस्थान में लगाए जा रहे सोलर प्लांटस की और कर रहे है। जिनके कारण एक तरफ स्थानीय प्रजातियों के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है! जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, सोलर प्लांट के लिए लाखों वृक्षों को काट दिया गया, जो स्थानीय जैवविविधता की भविष्य में बड़ी विपदा का संकेत है। ग्रीन एनर्जी बनाम प्राकृतिक विरासत के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाए ।

ये प्राकृतिक विरासत उन पर बसे पशु पक्षियों के आश्रय स्थल नष्ट हो गए हैं। एक और जहां देश दुनिया भर में जैव विविधता बचाने की मुहिम चलाई जा रही है जो किसानों के लिए जीवन, आजीविका एवं समृद्धि का सूचक है। वहीं सोलर प्लांट लगने से ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन कर शहरी क्षेत्रों में दिखने लगी है जो क्षेत्र उन्हें रास नहीं आ रहा है।

अन्य पक्षियों जीव जंतुओं का ह्यास हुआ है उनके घोंसले नष्ट होने से उनका जीवन खतरे में पड़ गया है।

वृक्षों की अंधाधुंध कटाई से राज्य वृक्ष खेजड़ी के पेड़ कटाई के विरोध में अकेले खेजड़ली में पिछले 409 दिनों से एवं बीकानेर जिला मुख्यालय पर भी धरना दिया जा रहा है प्रकृति बचाओ के तहत ट्री एक्ट बनाने कई मांग की जा रही है ।

पश्चिमी राजस्थान मौसम आधारित खेती पर निर्भर है पर्यावरण को हो रहे नुकसान से आने वाले समय में बारिश का संकट साफ दिखाई दे रहा है।

लाखों की संख्या में वृक्षों की कटाई पर पुनः वृक्षारोपण व्यवस्था भी कहीं नहीं दिखाई देती जितने वृक्ष लगाने का वादा किया गया उतने वृक्ष फलीभूत हो जाए तो कहीं न कहीं हरियाली दिखाई दे हाल ही प्रदेश में इस बात को लेकर दैनिक भास्कर ने उजागर भी किया कि जितने रु खर्च किए जाते है उतने वृक्ष फलीभूत नहीं हो पाते हैं।

सोलर कंपनियों द्वारा वृक्षारोपण की बात मिथ्या साबित हो रही है उनके द्वारा गौचर,ओरण में वृक्षारोपण एवं विकसित किए जाने पर कार्य किया जाना आवश्यक हैं ।

प्रदेश की आबो हवा बदल रही है उसमें ये जरूरी हो जाता है कि गौचर भूमि कब्जे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाए जाने उसको मॉडल रूप में विकसित किए जाने लवणीय घास उगाने की आवश्यकता के साथ ग्राम पंचायतो, निगम,नगर पालिका,महानगर में अधिकारियों की भूमिका तय की जाने की जरूरत है जहां गौ मूत्र,जीवामृत गोबर धन से अनेक कार्य किए जाने से भारत की पूर्वसंसकृति जागृत हो सकती है जिसके लिए योजना बद्ध तरीके से कार्य किया जाना आवश्यक है।

:- चारागाह कम होने से पशुओं की संख्या कम हुई कमाई भी घटी :-

पश्चिमी राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में पशुपालन,गौ पालन आजीविका का सबसे बड़ा साधन है।
जिन इलाकों में सोलर प्लांट लगे वहां अधिकतर जमीन पर वर्षा आधारित खेती होती थी।

वे जमीन आगोर, जोहड़, पायतन, गोचर भूमि में दर्ज थी। ऐसे में सालभर पशुओं के लिए चारागाह उपलब्ध थे अब चारागाह कम होने से मजबूरी में पशुपालकों ने पशुओं की संख्या कम कर दी है बीकानेर क्षेत्र में ही हज़ारों की संख्या में पशुधन रखने वाले पशुपालको के पास पशुधन की संख्या दो अंकों में सिमट गई है कारण कम होते चारागाह परेशानी का सबब बन रहे हैं।

सोलर प्लांट ठंडा रखने को रोज बर्बाद हो रहा 26.45 करोड लीटर पानी ।

सोलर एनर्जी के लिए पानी का अंधाधुंध दोहन।

सबसे बड़ी चिंता… सिंचित जमीन पर भी लग गए सोलर प्लांट ।

सिर्फ 1 कंपनी को नहर से सप्लाई, बाकी स्थानीय जलस्रोतों से लिया जा रहा पीने लायक पानी ।

वहीं, सोलर प्लेट्स को साफ और ठंडा एखने के लिए पानी का अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है मोटे आकलन के अनुसार सोलर प्लेटों को ठंडा रखने और उन्हें धोने में रोजाना 26 करोड़ 45 लाख 20 हजार लीटर पानी लगता है। नहर विभाग से केवल एक ही कंपनी को 1.60 क्यूसेक पानी का कोटा स्वीकृत है बाकी सभी कंपनियों में प्लांट ठंडा रखने के लिए पानी सप्लाई का टेंडर दे रखा है ये ठेकेदार नहर,स्थानीय तालाबों या जलाशयों से पानी की चोरी कर रहे हैं।

जिसका सीधा असर स्थानीय जैव विविधता पर पड़ रहा है पश्चिमी राजस्थान में अभी पेयजल के लिए 2000 क्यूसेक पानी की मांग है जो पूरी नहीं हो पा रही है।

प्रदेश में सोलर एनर्जी से लगभग 26452 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर के पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष एवं अधिष्ठाता विज्ञान संकाय, प्रो. अनिल कुमार छंगाणी की पिछले 10 वर्षों की शोधों के अनुसार सोलर प्लांट को लगाने से पहले लाखों पेड़ काटे गए, फिर उनकी सफाई व ठंडा रखने के लिए प्रति मेगावाट लगभग 10000 लीटर पानी रोजाना इस्तेमाल होता है। इसमें से अधिकतर पानी नाडी, तालाबों और डिग्गियों से चोरी से लाया जाता है इसका नतीजा ये हुआ कि बीकानेर समेत कई जिलों में पुराने जलस्रोत सूख गए।

पिछले कुछ वर्षों में बीकानेर की कोलायत तहसील में तो 120 में से 100 जलस्रोत सूख गए बिट्स रांची और एमजीएस विवि के पर्यावरण विज्ञान विभाग के संयुक्त शोध में सेटेलाइट डेटा से भी इसकी पुष्टि हुई है।

सबसे बड़ी चिंता कि बात ये है कि अब नहर से सिंचित जमीन पर भी सोलर प्लांट लग गए हैं।

बीकानेर में लगभग हजार हैक्टेयर और फलोंदी में 5 हजार हैक्टेयर सिंचित जमीन पर सोलर प्लांट लग गए हैं।

नहर विभाग के पास अन्य जिलों का आंकड़ा तो नहीं है, लेकिन अनुमान के मुताबिक जैसलमेर और बाड़मेर में भी लगभग 8 से 10 प्रतिशत सिंचित जमीन पर सोलर प्लांट लग चुके हैं।

ये जमीनें दो-तीन दशक की मेहनत के बाद खेती के लिए तैयार हुई थीं इन खेतों लिए नहर विभाग से जो पानी मिलता था, वो अब सोलर कंपनियों में इस्तेमाल हो रहा है।

फलौदी के भड़ला गांव में देश का सबसे बड़ा सोलर पार्क है। जैसलमेर और बाड़मेर में भी यही हालत है।

भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड मत्स्य पालन पशु पालन डेयरी मंत्रालय भारत सरकार के मानद प्रतिनिधि श्रेयांस बैद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव प्रस्तुत करते हुए उपरोक्त हालतों को देखते हुए राज्य में नवीन नीति का निर्माण किए जाने की महती आवश्यकता की जरूरत एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु विनम्र आग्रह करते हुए पत्र प्रेषित किया हैं।

मानव-वन्यजीव संघर्ष और सह-अस्तित्व पर केरल में कार्यशाला का आयोजन

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आवारा कुत्तों के आभारी हैं:नाथ सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ का बड़ा बयान ।


केरल ……सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस विक्रम नाथ ने शनिवार को एक कार्यक्रम में हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि वह आवारा कुत्तों के आभारी हैं उन्होंने कहा कि कानूनी बिरादरी में तो उन्हें उनके काम के लिए जाना जाता है लेकिन आवारा कुत्तों से जुड़े केस ने उन्हें न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में पहचान दिलाई है।

केरल के तिरुवनंतपुरम में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) और केरल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (KeLSA) द्वारा आयोजित सम्मेलन में जस्टिस नाथ ने यह बात कही।

  - सम्मेलन का विषय - 

“‘मानव-वन्यजीव संघर्ष और सह-अस्तित्व: कानूनी और नीतिगत दृष्टिकोण’”

उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि अब उन्हें सिर्फ कुत्ता प्रेमियों से ही नहीं बल्कि कुत्तों से भी आशीर्वाद और शुभकामनाएं मिल रही हैं।

जस्टिस नाथ ने यह भी कहा कि वह मुख्य न्यायाधीश (CJI) के आभारी हैं, जिन्होंने उन्हें यह मामला सौंपा। दरअसल, उन्होंने उस विशेष तीन जजों की पीठ का नेतृत्व किया था, जिसने दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाने के पहले के आदेश को संशोधित किया था। सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि पिछला आदेश “बहुत कठोर” था और इस मुद्दे पर “समग्र दृष्टिकोण” की जरूरत है।

नए फैसले में अदालत ने कहा था कि आवारा कुत्तों का बंध्याकरण और टीकाकरण किया जाए और फिर उन्हें उनके मूल इलाकों में छोड़ा जाए। केवल वे कुत्ते जो पागलपन या आक्रामक व्यवहार दिखाते हैं, उन्हें नहीं छोड़ा जाना चाहिए।

जस्टिस नाथ के इस बयान ने एक गंभीर विषय को हल्के-फुल्के अंदाज में पेश किया और दिखाया कि कैसे एक सामाजिक मुद्दे ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई उनका ये कहना था कि यह अनुभव उनके लिए अलग और यादगार रहा है।

इस पूरे मामले ने आवारा कुत्तों को लेकर समाज और प्रशासन के बीच संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की दिशा में नई सोच को जन्म दिया है।

दूसरी और भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के मानद प्रतिनिधि श्रेयांस बैद ने भारत सरकार पशुपालन विभाग के कमिश्नर एवं बोर्ड के अध्यक्ष डॉ अभिजीत मित्रा को लिखे पत्र में भारत के समस्त राज्यों में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना करवाए जाने के लिए एडवायजरी करने की मांग की है ।

लूणकरणसर…………उप शाखा लूणकरणसर की कार्यसमिति का गठन।

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नव निर्वाचित सदस्यों को दिलाई शपथ।

उपशाखा लूनकरनसर की सत्र 2025-26 की कार्यकारिणी का चुनाव पर्यवेक्षक मोहन लाल भादू के नेतृत्व में किया गया।चुनाव अधिकारी सेवानिवृत प्रधानाचार्य राणाप्रताप व सेवानिवृत अध्यापक दौलतराम गोदारा उपस्थिति हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत प्रधानाचार्य रेवंतराम गुरिया ने की हीराराम भुंवाल सेवानिवृत शिक्षक देखरेख में चुनाव सम्पन्न हुए ।

सुगनाराम गुरिया ने उपशाखा निर्वाचन के विभिन्न पदों की जानकारी दी उपशाखा के चुनाव में महावीर धतरवाल को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया ।

मंत्री राकेश विश्नोई व कोषाध्यक्ष सुगनाराम गुरिया को चुना गया सभाध्यक्ष बृजलाल गोदारा,उप सभाध्यक्ष किशन लाल गौड़ व मेघराज गोदारा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश शर्मा, उपाध्यक्ष(पुरुष ) राजीव चौधरी उपाध्यक्ष (महिला )अनीता भादू,महिला मंत्री संतोष गुरिया, सदस्य हरीश सारस्वत, अध्यापक सदस्य सुभाष चंद्र खींचड़,पंचायत समिति शिक्षक महेंद्र नाथ सिद्ध, वरिष्ठ अध्यापक सदस्य गजानंद चौधरी, प्राध्यापक सदस्य अमित गुरिया, प्रधानाचार्य सदस्य किस्तुराराम गुरिया, संस्कृत शिक्षा सदस्य गोपाल कुम्हार, महिला शिक्षिका सदस्य प्रमोद चौधरी, प्रयोग शाला सहायक सदस्य शंकर लाल मूंड, शारीरिक शिक्षक सदस्य राजवीर सिंह, पुस्तकालय अध्यक्ष सदस्य बाबूलाल गोदारा,सेवानिवृत शिक्षक सदस्य दौलतराम गोदारा, प्रबोधक प्रतिनिधि धनानाथ, कम्प्यूटर शिक्षक सदस्य हनुमान प्रसाद शर्मा, पंचायत शिक्षक लालचंद जोशी, प्रदेश महासमिति सदस्य जगदीप चाहर,प्रभु धतरवाल, राकेश सारण, कालूराम सुंडा, ओमप्रकाश खींचड़,अनिल कुमार भादू,कालूराम राहड़ आदि नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को चुनाव प्रभारी दौलतराम गोदारा ने शपथ दिलाई ।