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जैन संस्कार विधि से तप संपूर्ति अनुष्ठान तेरापंथ युवक परिषद् लूणकरणसर में रंजना देवी कमल बुच्चा की पुत्री सुश्री सौम्या बुच्चा के 8 की तपस्या एवं कांता देवी बोथरा के 11 की तपस्या का तप संपूर्ति अनुष्ठान जैन संस्कार विधि द्वारा पारिवारिकजनों की उपस्थिति में जैन संस्कारक नरेंद्र नाहटा व धनपत तातेड ने उत्साहवर्धक जैन मंत्रोच्चार से संपादित करवाया।

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कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र से हुई तत्पश्चात संस्कारकों ने मंगल भावना यंत्र की विधिवत स्थापना करवाई।

जैन संस्कारक धनपत तातेड ने जैन संस्कार विधि की महत्वपूर्ण जानकारी से सभी को अवगत करवाया और तप की अनुमोदना की।

संस्कारक नरेंद्र नाहटा ने सुश्री सौम्या बुच्चा एवं कांता देवी बोथरा के उपस्थित सभी पारिवारिक जनों को आध्यात्मिक संकल्प और कांता देवी बोथरा एवं सुश्री सौम्या बुच्चा की तपस्या के उपलक्ष में त्याग प्रत्याख्यान लेने के लिए प्रेरित किया ।

मांगलिक मंत्रोचार, गीतिका संगान और मंगलपाठ से कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

तेयुप लूणकरणसर द्वारा परिवार को मंगलभावना यंत्र भेंट किया गया।

प्रभु प्राप्ति का भेद बताने वाले वक्त गुरु का लूणकरणसर आगमन।

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आत्मा को परमात्मा से मिलाने का भेद लेकर मानव जीवन सफल बना लेना चाहिए। ———————————

सतसंग व नामदान वक्त गुरु बाबा उमाकान्त महाराज द्वारा किया गया प्रदान ।


लूणकरणसर के तेजा भवन, शिव भवन जाट धर्मार्थ संस्थान
में महापुरुषों की सनातनी शिक्षा-दीक्षा से जैसे-जैसे लोग दूर होते गए वैसे ही बुराइयों की आग में जलते गए खान-पान, नशाखोरी, चरित्र पतन के साथ नास्तिकता बढ़ गई है जिससे घर-घर में लडाई, झगड़ा, बीमारी, टेंशन, दुख, तकलीफों से इन्सान घिरता जा रहा है।

प्राकृतिक आपदा, विश्व युद्ध की संभावना बढ़ती जा रही है इन्ही सभी बुराइयों को छोड़ने शाकाहार के सिद्ध प्रचारक बाबा उमाकांत महाराज कस्बे में पहुंचे।

इतिहास गवाह है की बिना महापुरुषों के इन संकटों से बचना मुश्किल ही नहीं असंभव भी है समय-समय पर महापुरुष आकर इन संकटों से हमें बचाते रहे है ऐसे ही एक महापुरुष बावा जयगुरुदेव जी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बाबा उमाकान्त महाराज हरियाणा, हिमाचल, पंजाब के विभिन्न जिलों में कार्यक्रम करते हुए लूणकरणसर पधारे जहां उन्होंने सतसंग करते हुए नामदान प्रदान किया ।

उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं, दुख, तकलीफ, पीड़ा, गरीबी से बचने के उपाय के साथ मानव तन की सफलता व आत्म कल्याण के मार्ग को प्रशस्त किया ।

उनके दर्शन करने सतसंग सुनने व उनके द्वारा बताई गई साधना विधि से हर तरह के संकट व तकलीफों से मुक्ति मिलती है ।

यहां ये गौरतलब है संस्कारी जीवों पर दया करने बाबा उमाकान्त महाराज ने 22 जुलाई 2013 गुरु पूर्णिमा को अपने गुरु महाराज के आदेश से जयपुर में विशाल जन समूह की उपस्थिति में खुले मंच से नामदान देना प्रारंभ कर दिया उसी समय से बाबा उमाकान्त महाराज अपने गुरु के पदचिह्नों पर चलते हुए देश-विदेश में घूम-घूम कर लोगों को शाकाहारी, नशामुक्त, मेहनतकश, ईमानदार, चरित्रवान, देशभक्त रहने का उपदेश तो कर ही रहे हैं साथ ही साथ लोगों को गृहस्थ आश्रम में रहते हुए मनुष्य शरीर रूपी मन्दिर यानी जिस्मानी मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारे में ही प्रभु के दर्शन-दीदार करने का तरीका भी बता रहे हैं अपने गुरु के मिशन अर्थात इस धरा पर सतयुग लाने, गौ हत्या, मानव हत्या, पशु-पक्षी की हत्या बंद कराने और लोगों को शाकाहारी, सदाचारी तथा नशामुक्त बनाकर आत्म कल्याण कराने के काम में निरंतर लगे हुए हैं परम् सन्त बाबा उमाकान्त महाराज अभी तक एक करोड़ से ऊपर लोगों को नामदान दे चुके हैं जिसकी साधना करने से लोगों को लौकिक और पारलौकिक दोनों प्रकार के लाभ का अनुभव हो रहा है।

राडावास में 4 करोड़ 40 लाख की लागत से बनेगा सीएचसी भवन

जयपुर ग्रामीण सांसद के मुख्य आतिथ्य में हुआ निर्माण कार्य का शिलान्यास

मनोहरपुर (कृष्ण कुमार वर्मा):- राडावास गांव के कानसिंहपुरा बस स्टैंड पर चोमू अजीतगढ़ स्टेट हाईवे पर 4 करोड़ 40 लाख की लागत से बनने वाले सामुदायिक भवन का शिलान्यास शनिवार को कुंडाधाम के महंत प्रहलाद दास महाराज के सानिध्य, जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेंद्र सिंह के मुख्य आतिथ्य, पूर्व विधायक आलोक बेनीवाल के विशिष्ट आतिथ्य व सरपंच अमर सिंह शेखावत की अध्यक्षता में हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि जयपुर सांसद राव राजेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र व राज्य सरकार का जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से देश के हर व्यक्ति और हर मकान तक विकास कार्य करवाना है। सांसद सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के द्वारा ग्राम विकास के देखे गए सपने को साकार करते हुए विश्व पटल पर आज भारत एक मजबूत राष्ट्र के रूप में तेजी से उभर रहा है। सिंह ने कहा कि क्षेत्र में बिना किसी भेदभाव के विकास कार्य करवाए जाएंगे। पूर्व विधायक आलोक बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश में चार दशक से शाहपुरा क्षेत्र विकास के काम में सदैव अग्रणी रहा है। शाहपुरा के विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सरपंच अमर सिंह शेखावत ने ग्राम पंचायत क्षेत्र में कराए गए विकास कार्यों के बारे में बताते हुए ग्राम पंचायत क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए सांसद से विकास कार्यों के लिए बजट स्वीकृत करवाने का आग्रह किया। कार्यक्रम के दौरान पूर्व प्रधान मंजू सैनी, भाजपा मंडल अध्यक्ष इंद्रजीत शर्मा, मामराज पुरी , मालीराम सैनी, रामचंद्र यादव सहित कई लोगों ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने चार करोड़ चालीस लाख की लागत से बनने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नवीन भवन का शिलान्यास किया गया। कार्यक्रम के दौरान जिला पार्षद हरिनारायण गठाला, सरपंच रामस्वरूप चौधरी सहित क्षेत्र के कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने विकास कार्यों के लिए सांसद को ज्ञापन किया। एनआरएचएम सहायक अभियंता आभा गौड़ ने भवन के निर्माण कार्य के बारे में विस्तार से अवगत करवाया। कार्यक्रम के दौरान तेजाजी मंदिर परिसर में बरगद का पौधा लगाया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रवि सिंह शेखावत, बीसीएमओ डॉ विनोद शर्मा, सीएचसी प्रभारी डॉ विकास कृष्णिया, जलदाय विभाग के एक्सईएन आरके मीणा, गिरदावर धन्नालाल यादव, पटवारी छोटू राम यादव, ग्राम विकास अधिकारी जयराम यादव, विजय चौधरी व पुलिस थाना टीम सहित कई विभागीय अधिकारी व कार्मिकों सहित काफी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि व ग्रामीण मौजूद रहे।

मां शाकंभरी की 28वीं विशाल पदयात्रा हुई रवाना

देवी उपासक बन्नाराम ढलवाल के नेतृत्व में हुई पदयात्रा रवाना

सांभर लेक (विनय शर्मा) :- ऐतिहासिक एवं प्राचीन शक्ति पीठ चौहान वंश की कुलदेवी सांभर क्षेत्र के लोगों की अधिष्ठात्री व कच्ची चांदी प्रदाता मां शाकंभरी 28वीं विशाल मालियों के मंदिर से देवी उपासक बन्नाराम ढलवाल के नेतृत्व में रवाना हुई।
इससे पूर्व देवी उपासक बन्नाराम के साथ ही पदयात्रियों द्वारा मंदिर में पूजा अर्चना की गई। यात्रा के दौरान पदयात्री ढोल व भजनों की धुन पर नाचते दिखे।


पदयात्रा सांभर के मुख्य मार्ग से होते हुए माताजी के चबूतरा पर पहुंची। जहां पर महाआरती का आयोजन हुआ। जिसके बाद यात्रा ने मां शाकंभरी के दरबार के लिए प्रस्थान किया। पदयात्रा का जगह – जगह पुष्पवर्षा करके स्वागत किया गया। यात्रा के दौरान सांभर थानाधिकारी राजेंद्र यादव जाप्ते के साथ मौजूद रहे।

दिल्ली ……माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 22 अगस्त 2025 के आदेश तथा पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, 2023 की पालना करवाने के संबंध एवं विश्व पशु दिवस के उपलक्ष्य में देश भर में वृहद आयोजन करवाए जाने के लिए बैद ने लिखा पत्र

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माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 22 अगस्त 2025 के आदेश तथा पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, 2023 के अक्षरशः अनुपालन हेतु देश के समस्त राज्यों के अंतर्गत सभी नगर निगमों, नगर परिषदों, नगर पालिकाओं एवं ग्राम पंचायतों को निम्नलिखित बिंदुओं पर तुरंत,गंभीरता एवं प्राथमिकता के साथ कार्यवाही करने हेतु निर्देश प्रदान करवाए जाने का आग्रह भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड मत्स्य पालन पशु पालन डेयरी मंत्रालय भारत सरकार के मानद प्रतिनिधि श्रेयांस बैद ने भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एवं आयुक्त पशुपालन मंत्रालय भारत सरकार से की है बैद ने बोर्ड को लिखे पत्र में बताया कि

भोजन स्थलों का निर्धारण (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 20 एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश)

    प्रत्येक सडक, क्षेत्र एवं वार्ड में वहाँ की श्वानों की संख्या और उनके क्षेत्राधिकार (territories) के अनुसार भोजन स्थल निर्धारित किए जाएँ।

    इन स्थलों की पहचान एवं निर्धारण स्थानीय फीडरों (feeders) की सलाह एवं जानकारी के आधार पर किया जाए। जिन्हें वहाँ रहने वाले श्वानों के स्वभाव का अंदाजा हो।

    प्रत्येक भोजन स्थल पर एक बोर्ड लगाकर उसे स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जाए।

    यह प्रक्रिया प्रत्येक नगर निकाय क्षेत्र में, जहाँ सामुदायिक श्वान पाए जाते हैं, अनिवार्य रूप से की जाए।

    1. नसबंदी केन्द्रों की स्थापना एवं रखरखाव (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 10; माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश 22.08.2025)

    नगर निकाय नसबंदी केन्द्रों की पहचान, निर्माण एवं/या मरम्मत करें।

    इन केन्द्रों में नसबंदी, टीकाकरण एवं कृमिनाशन (Deworming) की सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ।

    1. मानवीय ढंग से श्वानों को पकड़ना (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 11(5))

    श्वान पकड़ने के लिए केवल प्रशिक्षित कार्मिक नियुक्त किए जाएँ।

    श्वान पकड़ने की एकमात्र स्वीकृत विधि जाल (net) या हाथ से पकड़ना है।

    टोंग्स, तार, फंदे अथवा किसी अन्य हानिकारक उपकरण का प्रयोग सख्ती से प्रतिबंधित है।

    1. निविदा प्रक्रिया (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 5)

    पशु जन्म नियंत्रण (ABC) कार्यक्रम हेतु निविदा केवल उन्हीं NGOs को दी जाए जिनके पास भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) की मान्यता हो।

    AWBI पत्र दिनांक 05.04.2022 के अनुसार प्रति श्वान पकड़ने हेतु रू. 200 एवं नसबंदी, भोजन एवं ऑपरेशन पश्चात् देखभाल हेतु रू. 1450 निर्धारित है।

    अन्य राज्यों में ब्लैकलिस्ट किए गए NGOs को निविदा में भाग लेने से वंचित रखा जाए।

    1. निगरानी समितियाँ (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 9 और अनुसूची 11 (3)

    प्रत्येक नगर निकाय में निगरानी समिति का गठन किया जाए।

    समितियों की नियमित बैठकें हों एवं नसबंदी, टीकाकरण और रिहाई कार्यक्रमों की समीक्षा की जाए।

    कम-से-कम एक पशु अधिकार कार्यकर्ता /मानद जीव जंतु कल्याण प्रतिनिधि को समिति में शामिल किया जाना चाहिए ताकि जमीनी वास्तविकताओं का आकलन हो सके।

    1. उल्लंघनों हेतु जवाबदेही (पशु जन्म नियंत्रण) (ABC) नियम 2023 के किसी भी उल्लंघन पर नियम 18 के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
    2. संदिग्ध रेबीज अथवा काटने वाले श्वानों का प्रबंधन (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 16)
    3. श्वान पकड़ने वाली टीम की संरचना (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 11(2))

    प्रत्येक टीम में निम्न सदस्य होंगेः

    1. वैन चालक,
    2. नगर निकाय के दो या अधिक प्रशिक्षित कर्मचारी,
    3. पशु कल्याण संगठन का एक नामित प्रतिनिधि ।
    4. प्रत्येक सदस्य के पास स्थानीय निकाय द्वारा जारी पहचान पत्र होना अनिवार्य हों।
    5. स्थानीय निवासियों को पूर्व सूचना दी जाए कि उनकी क्षेत्र में श्वानों की नसबंदी कार्यक्रम हेतु टीम कार्य करेगी।
      . उल्लंघनों हेतु जवाबदेही (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम से)

    किसी भी रेबीज-संदिग्ध श्वान को मानवीय ढंग से पकड़कर सुरक्षित पृथककरण (isolation) केनल में तत्काल पशु चिकित्सक की निगरानी में रखा जाए एवं उसकी प्राकृतिक मृत्यु होने तक भोजन तथा पानी की समुचित व्यवस्था की जाये।

    रिपोर्ट किए गए डॉग-बाइट मामलों में तथ्यों का सत्यापन अनिवार्य है। केवल बार-बार काटने वाले संदिग्ध श्वान को ही पकड़ा जाए एवं शरणस्थल (shelter) या पंजीकृत पशु कल्याण संगठन (AWO) को सौंपा जाए।

    पशु चिकित्सीय आकलन में यदि श्वान आक्रामक या रेबीज-संदिग्ध नहीं पाया जाता तो पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियमानुसार उसे मूल स्थान पर वापस छोड़ा जाए।

    यदि श्वान आक्रामक या रेबीज-संदिग्ध पाया जाता है तो उसे समुदाय में वापस नहीं छोड़ा जाए।

    1. अभिलेख व रिहाई (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 12)

    सभी श्वानों को चिन्हित किया जाए एवं रजिस्टर में इन्द्राज किया जाये।

    श्वानों को उसी क्षेत्र में छोड़ा जाए जहाँ से उन्हें पकड़ा गया था।

    एबीसी नियमों के अनुसार, दस अलग-अलग प्रकार के रिकॉर्ड बनाए जाने चाहिए, जिनमें जानवरों का रिकॉर्ड, भोजन का रिकॉर्ड, खाद्य सूची, प्रत्येक श्वान के उपचार का रिकॉर्ड, दवा और टीकाकरण का रिकॉर्ड, मृत्यु दर का रिकॉर्ड, सर्जिकल उपकरणों सहित उपकरणों की सूची, डॉग वैन लॉगबुक, कर्मचारियों की उपस्थिति का रिकॉर्ड, तीस दिनों का सीसीटीवी फुटेज शामिल है।

    1. बीमार एवं घायल श्वान (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 11 (10))

    बीमार एवं घायल श्वानों का समुचित उपचार किया जाए।

    पूर्ण स्वस्थ होने के बाद ही उनकी नसबंदी की जाए।

    1. पकड़ने पर प्रतिबंध (पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम, नियम 11(9))

    छः माह से कम आयु के श्वानों को पकड़ा या नसबंदी नहीं किया जाए ।

    छोटे पिल्लों वाली मादा श्वानों को तब तक नहीं पकड़ा जाए जब तक पिल्ले प्राकृतिक रूप से स्वतः ही दूध पीना नहीं छोड़ देते।

    1. नसबंदी, टीकाकरण एवं रिहाई (माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम 2023)

    श्वानों की नसबंदी, टीकाकरण एवं कृमिनाशन कर उन्हें उनके मूल क्षेत्र में छोड़ा जाए।

    फीडरों को इस प्रक्रिया में सूचित एवं सम्मिलित किया जाए।

    सभी कार्यवाहियों की कार्यवाही इंद्राज की जाने की कार्यवाही भी आवश्यक रूप से हों इसके लिए भी निर्देश प्रदान करवाए जाएं एवं विश्व पशु कल्याण दिवस पर वृहद जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करवाने का भी आग्रह किया है।

    कालू ….केबिनेट मंत्री की जन सुनवाई में छाए रहे लोक हित के मुद्दे

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    राजासर उर्फ करनीसर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित जन सुनवाई के दौरान कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

    उन्होंने नकोदेसर के जस नाथ जी बाड़ी में विद्युति कनेक्शन कार्य, गांव धीरदान में सर्व समाज की श्मशान भूमि के चार दिवारी के कार्य के लिए स्थानीय क्षेत्र विकाश योजना से राशि स्वीकृत की इस दौरान क्षेत्रीय मुद्दे छाए रहे। कार्यक्रम में प्रधान कानाराम गोदारा,सरपंच हेतराम गोदारा, ओम प्रकाश आजाद शर्मा, जैतपुर सरपंच मीरा शर्मा, गारबदेसर के पूर्व सरपंच गणपत दास स्वामी,
    गोपल्याण सरपंच सुलतान जाखड़,मनाफरसर सरपंच पपुराम मेघवाल, भागीरथ बोहरा,पंचायत समिति सदस्य जितेंद्र गोदारा, जिला परिषद सदस्य पूजा देवी,कालू के पूर्व सरपंच रामकुमार सारस्वत, सहित अधिकारी गण मौजूद रहे।

    कालू सरस्वती पुस्तकालय सार्वजनिक के उद्घाटन को लेकर कैबिनेट मंत्री से मिला प्रतिनिधि मंडल

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    सरस्वती पुस्तकालय सार्वजनिक कालू के शुभारंभ अवसर पर आगमन को लेकर कालू से प्रतिनिधि मंडल कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा से मिला।

    पुस्तकालय के अध्यक्ष रामकुमार सारस्वत के नेतृत्व में 35 सदस्यीय दल में ओम प्रकाश सारस्वत,राधेश्याम दुढानी,सरपंच प्रतिनिधि दौलत राम डोगीवाल, पूर्व मंडल अध्यक्ष राधा किशन पारीक,सीताराम राघानी,शकर लाल जोशी ,पूर्व चैयरमैन जगदीश जयानी , बिशना राम खण्डेलवाल इत्यादि शामिल हुए ।

    इन्होंने सरस्वती पुस्तकालय सार्वजनिक के बारे में संपूर्ण जानकारी दी ।

    इस दौरान करनिसर में आयोजित जन सुनवाई में पेयजल आपूर्ति के मुद्दे को लेकर भी उनका ध्यानाकर्षण करवाया गया ।

    कालू… हरिराम बाबा मंदिर में ऋषि पंचमी पर हुआ विशाल भंडारा

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    कालू में हरिराम बाबा मंदिर पर विशेष पूजा अर्चना करवाई गई इस दौरान कालू में समस्त विद्यालयों के छात्र छात्राओं के साथ कस्बे के भक्तों ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया प्रसाद का आयोजन हरि नारायण शर्मा द्वारा किया गया।
    लोक देवता हरिराम बाबा की पंचमी पर विशेष आयोजन होते है जिनमें भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष पंचमी जो ऋषि पंचमी के नाम से भी विख्यात है पर कालू में विशेष आयोजन होते है क्योंकि इसी मास में कृषक अपनी भूमि पर कृषि कार्य हेतु रहते है विषैले जीव जंतुओं से हरिराम जी महाराज रक्षा करते है ये मान्यता है।

    लूणकरणसर हरिराम बाबा मंदिर में ऋषि पंचमी पर हुआ विशाल जागरण।

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    दर्शनार्थियों का तांता लगा उमड़ा जन सैलाब ।

    श्री हरिराम बाबा मंदिर पर विशेष पूजा अर्चना करवाई गई इस दौरान लोक देवता हरिराम बाबा की पंचमी पर विशेष आयोजन होते है जिनमें भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष पंचमी जो ऋषि पंचमी के नाम से भी विख्यात है पर लूणकरणसर में विशेष आयोजन होते है ।

    क्योंकि इसी मास में कृषक अपनी भूमि पर कृषि कार्य हेतु रहते है विषैले जीव जंतुओं से हरिराम जी महाराज रक्षा करते है ये मान्यता है।

    पुजारी पूनम बोहरा ने बताया कि इस दौरान महा आरती एवं हवन का आयोजन हुआ।

    बाहर लगी दुकानों में जमकर खरीदारी हुई फटाफट मिष्ठान भंडार पर लोगों की जम कर भीड़ रही।

    सेवादार लगे सेवा में दिनदयाल गौड,पवन सिंह,सुगन डाल,तुलसीराम कुम्हार,जय प्रकाश कुम्हार,सुरेश सुथार,मदन लाल सैन,राधा भार्गव,करनी शर्मा, ओम गुरिया,फकीर चंद शोखल,अशोक वर्मा,शंकर सोखल,महेंद्र भार्गव इत्यादि ने मंदिर प्रांगण में सेवाएं दी ।

    सब इंस्पेक्टर परीक्षा का निरस्त होना:आरपीएससी और तत्कालीन सरकार के मुँह पर तमाचा नहीं, जूता !


    दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए टाडा जैसे सख्त कानून चाहिए!
    सवाल: क्या राजनीतिक संरक्षण के बिना राजस्थान लोक सेवा आयोग में यह कैबरे डांस संभव है?? (लेखक-वेद माथुर)

    राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा 2021 को पूरी तरह रद्द कर दिया है। यह फैसला 859 पदों के लिए आयोजित इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर पेपर लीक घोटाले के बाद आया है। इस निर्णय से चयनित होकर सब इंस्पेक्टर बन चुके और नौकरी कर रहे लगभग सभी 859 उम्मीदवार दोबारा बेरोजगार हो जाएंगे।(कई जेल में है कई जमानत पर हैं!)
    परीक्षा आयोजकों ने खुद पेपर लीक करवाया, अपने परिवार के सदस्यों को चयनित करवाया और प्रश्न पत्र बेचकर नंगा नाच करवाया—ऐसे में इस परीक्षा का निरस्त होना न्यायोचित तो है, लेकिन सवाल यह उठता है कि जिन उम्मीदवारों ने पूरी ईमानदारी से परीक्षा दी और पास की, उनका क्या दोष है? संभव है कि हाईकोर्ट की डबल बेंच या सुप्रीम कोर्ट इन निर्दोष उम्मीदवारों को राहत दे।
    फिर जिस परीक्षा का चरित्र किसी वैश्या के चरित्र से खराब हो, उसे पतिव्रता घोषित करना भी अपराध ही है। हाई कोर्ट को इसके लिए साधुवाद।

    यह घटना राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) और तत्कालीन सरकार के लिए महज एक तमाचा नहीं, बल्कि एक जोरदार जूता है। विशेष ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) की जांच में सामने आया कि पूर्व आरपीएससी सदस्य रामूराम रायका ने अपने बेटे देवेश और बेटी शोभा को परीक्षा से एक महीना पहले तीनों सेट के प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए थे। रायका और अन्य सदस्य जैसे बाबूलाल कटारा पर व्यापक साजिश का आरोप है। परीक्षा 13 से 15 सितंबर 2021 को हुई थी, जिसमें 7.97 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। लेकिन लीक के कारण पूरी प्रक्रिया संदिग्ध हो गई। हाईकोर्ट ने 28 अगस्त 2025 को यह फैसला सुनाया, जिसमें सरकार का तर्क था कि केवल 68 उम्मीदवारों का नाम सामने आया है, लेकिन अदालत ने पूरी भर्ती को अमान्य घोषित कर दिया।

    मेरे मन में बार-बार यह प्रश्न आता है कि गांव में रहने वाले आम उम्मीदवार से लेकर राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य तक, किसी को भी कानून का भय ही क्यों नहीं है? क्या यह अकेली ऐसी परीक्षा है जिसमें पेपर लीक हुआ? बिल्कुल नहीं! राजस्थान में आरओ/ईओ परीक्षा 2023, शिक्षक भर्ती परीक्षा 2022 और कई अन्य भर्तियों में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। आटे में नमक के बराबर बेईमानी तो शायद हर जगह होती है, लेकिन हमारे राजस्थान लोक सेवा आयोग के आटे में आटा कम और नमक ज्यादा रहता है।


    ऐसा तब तक होता रहेगा, जब तक आयोग में सदस्यों के चयन के लिए कठोर मापदंड नहीं बनेंगे। यदि कोई हारे में राजनेता, जाति या धर्म के आधार पर वोट दिलाने वाले नेता, अथवा किसी कवि की बीवी को बिना योग्यता के आयोग का सदस्य बनना नहीं रुकेगा। यदि कोई व्यक्ति जाति या किसी अन्य कारण से योग्यता न होने के बावजूद सदस्य बना है, तो वह इसी के अनुरूप चयन प्रक्रिया में धांधली करेगा—यानी अपनी जाति के लोगों को प्रमोट करेगा।

    इंटरव्यू और चयन प्रक्रिया में पूरी ईमानदारी से कार्य होता है, ऐसा कहना मुश्किल है। आरपीएससी ने सब रजिस्ट्रार, आबकारी, आईटीओ, नगर सुधार न्यास और नगर निगम सहित सभी विभागों को भ्रष्टाचार के मामले में बुरी तरह पछाड़ा है। सवाल यह है कि लोक सेवा आयोग के भ्रष्टाचार से चुने गए लोग न केवल ईमानदार उम्मीदवारों का हक मार रहे हैं, बल्कि आगे भी 40 साल तक भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार फैलाएंगे। हाईकोर्ट ने भी आरपीएससी पर कड़ी टिप्पणी की है—कहा कि आयोग ‘गूंगी-बहरी संस्था’ बन गया है, जो युवाओं की चिंता नहीं करता। एसओजी ने 50 ट्रेनी एसआई समेत कई को गिरफ्तार किया है, और पांचवीं चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है।

    इस घोटाले से सबसे ज्यादा प्रभावित निर्दोष युवा हैं। लाखों उम्मीदवारों ने सालों की मेहनत बर्बाद होते देखी है। सरकार को अब सख्त कदम उठाने चाहिए—जैसे पारदर्शी परीक्षा प्रणाली, डिजिटल निगरानी और भ्रष्ट सदस्यों पर तत्काल कार्रवाई। अन्यथा, राजस्थान के युवा बेरोजगारी के जाल में और फंसते जाएंगे। यह समय है कि आरपीएससी को सुधारने का, न कि ढकने का। युवाओं का भविष्य दांव पर है—क्या सरकार जागेगी?
    यदि सरकार वाकई गंभीर है तो उसे पेपर लीक करने करने वालों से निपटने के लिए टाडा जैसा सख्त और नया कानून बनाना चाहिए।


    लेखक-वेद माथुर